सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कई अहम विधेयक इस सत्र में पारित हुए तो कुछ नए चेहरे ऐसे उभर कर आए जिनमें लोग भविष्य का नेतृत्व देख रहे हैं। 37 बैठकों वाले इस सत्र में रिकाॅर्ड 35 विधेयक पारित हुए। इससे पहले वर्ष 1952 में पहली लोकसभा के प्रथम सत्र में 24 विधेयक पारित हुए थे। 2019 के पहले सत्र में पारित होने वाले विधेयकों में जम्मू.कश्मीर पुनर्गठन और तीन तलाक समेत कई अहम बिल शामिल हैं।
सत्र के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह सत्र वर्ष 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह सत्र सात अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन सरकार के आग्रह पर स्पीकर ने इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। अध्यक्ष ने कहा कि 17 जून से 6 अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली। बिड़ला ने सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और विभिन्न दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया।
सत्र की खास बात यह रही कि जहां एक ओर लोकसभा में पुराने दिग्गज नेताओं ने अपने भाषणों से संसदीय परंपरा को मजबूत करने की परंपरा निर्वाह किया, वहीं दूसरी तरफ कई युवा चेहरे ऐसे भी रहे जिनके प्रभावी संबोधन ने सबका दिल जीता। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से पहली बार चुने गए कुछ सांसद पहले ही सत्र में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं। इन सांसदों के प्रदर्शन से साफ है कि आने वाले समय में संसद को कुछ और होनहार नेता मिलने वाले हैं।
संसद में लद्दाख से भाजपा के युवा सांसद जामयांग शेरिंग द्वारा दिए गए भाषण ने लोगों को काफी प्रभावित किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल और अनुछेद 370 को हटाने के विषय पर सदन के भीतर शानदार भाषण दिया। वह खुद लद्दाख से आते हैं। ऐसे में उन्हें वहां की स्थानीय दिक्कतों के बारे में ज्यादा पता है। शेरिंग का भाषण इतना प्रभावी रहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के इस युवा सांसद की तारीफ की। यही नहीं सदन में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत तमाम सांसदों ने शेरिंग का उत्साह बढ़ाया। स्पीकर ओम बिड़ला ने भी शेरिंग के भाषण को शानदार बताते हुए उनकी प्रशंसा की।
जामयांग शेरिंग: जामयांग शेरिंग ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत के इतिहास में वो दिन है जो गलती जवाहर लाल नेहरू ने की, उसका सुधार हो रहा है। 70 साल तक कांग्रेस पीडीपी, नेशनल काॅन्फ्रेंस ने लद्दाख को अपनाया नहीं और आज वहां की बात कर रहे हैं। ये लोग लद्दाख को जानते तक नहीं हैं और किताबें पढ़कर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही हिंदुस्तान का अटूट अंग बनना चाहते थे। हमने तब भी कहा था कि लद्दाख को कश्मीर के साथ मत रखिए। शेरिंग बोले कि अनुछेद 370 की वजह से हमारा विकास नहीं हुआ और इसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है।
महुआ मोइत्रा: लोकसभा के पहले ही सत्र में कृष्णानगर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की पहचान भी एक धारदार वक्ता के रूप में बनी है। सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने देश में फासीवाद आने के सात संकटों पर जोरदार भाषण दिया जो इंटरनेट पर वायरल हो गया। महुआ पहले बैंक में रह चुकी हैं। विदेश में नौकरी कर चुकी हैं। लोकसभा के अंदर वह जुझारूपन के साथ सरकार पर निशाना साधती नजर आती हैं। उन्होंने यूएपीए बिल पर चर्चा के दौरान सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इनके साथ हो तो भगवान, न हो तो शैतान, उन्होंने कहा कि गृह मंत्री आज सरदार पटेल की कुर्सी पर बैठे हैं। उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा की बात कही जाती है लेकिन हमें सरदार पटेल की बातों का भी पालन करना चाहिए।
टीएमसी सांसद ने आरोप लगाया कि आज लोगों को डराया जा रहा है, यहां तक कि मेरे परिवार को भी मेरे बारे में चिंता होने लगी है। आज सरकार और उसकी ट्रोल आर्मी किसी पर भी निशाना साध रही है। जिस दौरान महुआ मोइत्रा सदन को संबोधित कर रही थीं तो बीजेपी सांसदों ने हंगामा किया।महुआ सदन के भीतर और बाहर पूरे सत्र के दौरान सरकार पर हमलावर दिखी।
नवनीत राणा: अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत रवि राणा ने लोकसभा में प्रभावी ढंग से अहम मुद्दों को उठाती नजर आईं। तमिल फिल्मों में काम कर चुकीं 33 वर्षीय नवनीत कौर ने कश्मीर से 370 हटाने के फैसले को असल मायनों में आजादी बताया, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि राज्यसभा से बिल पास होने के बाद वे रातभर सो नहीं पाई और लोकसभा में बिल का समर्थन करने के लिए इंतजार कर रही थी।
नवनीत राणा ने बांध सुरक्षा बिल से लेकर सदन के भीतर कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही आजम खान विवाद पर उन्होंने आजम की क्लास लेते हुए कहा कि इस सदन में जब भी महिला सम्मान की बात आएगी तो यहां सत्तापक्ष और विपक्ष बंटेगा नहीं बल्कि एक सुर में इसके खिलाफ आवाज उठाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आजम बीजेपी सांसद रमा देवी को अपनी बहन बता रहे थे तो उनसे तुरंत माफी मांगकर अपना बड़प्पन भी दिखाना चाहिए था।
हिबी ईडन: एर्नाकुलम से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन पार्टी का युवा चेहरा बनकर उभरे हैं। लोकसभा में वह विभिन्न मुद्दों पर प्रभावी तरीके से पार्टी का पक्ष रखते नजर आए। उनकी ओर से इस सत्र में पचास सवाल पूछे गए, साथ ही उन्होंने 2 प्राइवेट मेंबर विधेयकों को भी सदन में पेश किया। उनकी ओर से लाए गए प्राइवेट बिल के जरिए पीड़ितो की मदद करने वालों को कानूनी पचड़े में न डालने की अपील की,साथ ही पुलिस की ओर से ऐसे लोगों को परेशान न करने का मुद्दा भी उठाया।
केरल से आने वाले ईडन ने अपने पहले ही भाषण में वहां आई भीषण बाढ़ और वहां के मछुआरों के मुद्दों को जोरशोर से सदन में रखा। उन्होंने सरकार से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की, साथ ही ज्यादा मुआवजे और पुनर्वास की मांग भी की। ईडन ने लोकसभा स्पीकर का युवाओं को मौका देने के लिए आभार भी जताया,और बजट पर चर्चा के दौरान केरल के बंदरगाहों के हालात पर चिंता जताई।
तेजस्वी सूर्या: बीजेपी के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या कर्नाटक के बेंगलुरू दक्षिण से जीते हैं जो दिवंगत नेता अनंत कुमार की परंपरागत सीट थी। लोकसभा में अपनी पारी का आगाज करते हुए उन्होंने पूरे देश को अपनी भाषण शैली से अवगत करा दिया। 28 साल के तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील हैं और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। सांसद के तौर पर भी वह पार्टी की कोर विचारधारा को पुरजोर तरीके से सदन में उठाते दिखे।
लोकसभा में बांग्लादेशियों के घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए सूर्या ने सरकार से देश भर में एनआरसी लागू करने की मांग कर डाली। तेजस्वी ने कहा कि एनआरसी को कर्नाटक समेत देश भर में भी लागू किया जाए, ताकि बेंगलुरु में भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को बाहर निकाला जा सके। सूर्या ने कहा कि घुसपैठियों से देश की सुरक्षा को खतरा है। रोज नए-नए माॅड्यूल का खुलासा हो रहा है जो देश में दशहत फैलाने की मंशा से घुस चुके हैं। लोकसभा के इन पांच सांसदों ने अपने प्रभावी अंदाज और दमदार भाषण से सदन में चर्चा के स्तर को बढ़ाने का काम किया है। आने वाले वक्त में संसद ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर इन युवाओं पर रहने वाली है।