“हमें महामारी से बचना भी है और आगे बढ़ना भी है।” यह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिन पूर्व कहा था। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि लॉकडाउन चौथे चरण में बढ़ेगा। लेकिन किस तरह बढेगा, इसका प्रारूप कैसा होगा। इस पर सबकी नजर है। क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा इसकी गाइडलाइन देश का गृहमंत्रालय जारी करेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस बार लॉगडाउन नए रंगरूप और स्वरूप में होगा। इसी के साथ नये नियम भी जारी होंगे। यानी कि कुछ छूट दी जाएंगी। लेकिन वह छूट क्या होंगी इसके बारे में केंद्र सरकार गाइडलाइन जारी करेगी। हालांकि, जिस तरह से देश में कोरोना महामारी के संक्रमण बढ़ता जा रहा है उससे स्थिति चिंताजनक हो रही है।
अब कोरोना से पीड़ित केसों की संख्या 90,000 के पार हो चुकी है तथा 5000 कोरोना पिछले 24 घंटे में पॉजिटिव पाए गए है। ऐसे में लॉकडाउन को खोलना खतरे से खाली नहीं होगा। हालांकि, केंद्र सरकार की घोषणा से पहले ही देश के 3 राज्यों पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने पहले से ही 31 मई तक अपने यहां लॉक डाउन बढ़ा दिया है।
इसी के साथ ही देश के 20 जिलों में पहले से ही लॉकडाउन 30 मई तक बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन फोर में कंटोनमेंट जॉन में कोई छूट नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही सिनेमा हॉल तथा मॉल में कोई गतिविधियां संचालित नहीं होंगी। संभावनाएं हैं कि दिल्ली में मेट्रो रेल शुरू होगी। इसी के साथ ही बस ट्रांसपोर्ट संचालक भी शुरू हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही ट्रेन और बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
54 दिन बाद अब स्थिति यह हो गई है कि देश में हर राज्यों की सीमा पर प्रवासी मजदूर खड़े हुए है। वह इस उम्मीद में बाट जोह रहे हैं कि उन्हें कब अपने गृह प्रदेश में घुसने की स्वीकृति मिलेगी। कई प्रदेशों की सीमाओं पर पुलिस और प्रवासी मजदूरों की तनातनी की खबरें आ रही है। लगभग पूरे देश में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों को कूच कर रहे हैं।
ऐसे में उनकी मौत सबसे दुखद रूप में सामने आ रही है। पिछले 3 दिन में 65 प्रवासी मजदूरों की मौत से केंद्र सहित राज्य सरकार यह सोचने पर मजबूर हो गई है कि आखिर प्रवासी मजदूरों को उनके घर कैसे और किस हालात में सुरक्षित पहुंचाया जाए। ऐसे में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तो अपनी बॉर्डर ही सील कर दिए हैं।