लॉकडाउन के चौथे चरण के शुरू होने के साथ ही मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने दफ्तरों और कार्यस्थलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। लॉकडाउन का चौथा फेज 18 से 31 मई तक चलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति कार्यस्थल पर थूकता हुआ मिलेगा तो उसे दंड के साथ ही फाइन भी भरना पड़ेगा। कई राज्यों ने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन में ज्यादा ढील नहीं दी है। वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने 100% कर्मचारियों के साथ सभी कार्यालय खोलने की अनुमति दी है।
जारी नए दिशा-निर्देश के नियम
1. दफ्तर में कर्मचारियों के बीच दूरी बनाए रखना जरूरी। और बैठने की व्यवस्था सहित कई बातों के लिए 1 मीटर जरूरी।
2. बीमार होने पर इसकी सूचना लोकल प्रशासन को देना अनिवार्य।
3. छींकने या खांसते वक्त मुंह को ढकें।
4. मुंह को मास्क या कपड़े से ढकें।
5. साबुन या हैंड सैनेटाइजर से थोड़े-थोड़े अंतराल में हाथ साफ करें।
6. अगर किसी दफ्तर में किसी को कोरोना का संक्रमण होता है तो पिछले 48 घंटे में जहां-जहां वो संक्रमित व्यक्ति गया होगा उसे डिसइंफेक्टेड करना जरूरी। डिसइंफेक्ट के बाद काम शुरू किया जा सकता है। दफ्तर या बिल्डिंग के पूरे हिस्से को सील की जरूरत नहीं।
7. किसी ऑफिस या बिल्डिंग में कोरोना के कई केस आने की सूरत में पूरी दफ्तर को 48 घंटे के लिए सील किया जाएगा। जब तक उस ऑफिस को डिसइंफेक्ट कर सुरक्षित घोषित नहीं कर लिया जाता तब तक सभी को वर्क फ्रॉम होम करना होगा।
भारत में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के पार चली गई है। पिछले एक हफ्ते में कोरोना मरीजों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है। बावजूद इसके भारत की स्थिति कई मायनों में दुनिया के बाकी मुल्कों से बेहतर है। एक लाख की आबादी पर कोरोना मरीजों की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो भारत का औसत दुनिया के बाकी देशों से कहीं ज्यादा बेहतर है।
भारत में एक लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमितों का औसत 7.1 है। यानी एक लाख की आबादी में यहां 7 लोग ही कोरोना की चपेट में आये हैं। जबकि दुनिया का औसत देखा जाये तो एक लाख की आबादी पर 60 कोरोना मरीज पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद इसकी जानकारी दी है।