बिहार में ज्यों – ज्यों विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं त्यों -त्यों राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि मौसम में बेशक तपिश कम हो गई है और भीनी – भीनी ठंड शुरू हो गई है । लेकिन बिहार में इसके विपरीत हो रहा है। यहां राजनीतिक तापमान बढ़ता ही जा रहा है।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव दिसंबर माह में संभावित है । इसके मद्देनजर ही अब राजनीतिक युद्ध शुरू हो गए हैं । ऐसा ही एक राजनीतिक युद्ध पोस्टर वार के जरिए शुरू किया गया है।जिसमें लालू प्रसाद यादव के पूरे परिवार को दर्शाया गया है।
इस पोस्टर में एक ऐसा परिवार जो बिहार पर भार लिखा गया है। हालांकि इस पोस्टर की शुरुआत बिहार की राजधानी पटना से हुई है। पटना के मुख्य रास्तों पर इस तरह के पोस्टर लग चुके हैं। इससे बिहार की राजनीति में गहमागहमी का माहौल शुरू हो गया है।
पटना की सड़कों के किनारे लगे ‘एक ऐसा परिवार, जो बिहार पर भार’ शीर्षक से लगे इन पोस्टरों के सबसे ऊपर राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद को बतौर कैदी दिखाया गया है।इसके साथ ही लालू यादव पर भी कटाक्ष किया गया है। लिखा है-‘सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351’। पोस्टर में लालू यादव का बड़ा तो उनके परिवार वालों का छोटा फोटो लगाया गया है।
इस पोस्टर के निचले हिस्से में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की तस्वीर है, जिसे विधायक बताया गया है। जबकि पोस्टर के निचले हिस्से में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की तस्वीर है, जिन्हें विधानपार्षद लिखा गया है। इसके अलावा लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा भारती की तस्वीर पर राज्यसभा सांसद लिखा गया है।
हालांकि पोस्टर किसने जारी किया है, इसका अभी कोई उल्लेख पोस्टर में नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि यह पोस्टर जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं द्वारा लगाया गया है।
गौरतलब है कि एक पोस्टर में जेडीयू ने पहले भी पोस्टर वार के जरिए बिहार की जनता से पूछा था कि बिहार में अपराधी कौन है? जिसमे आरजेडी ने लालू प्रसाद यादव को भृष्टाचारी बताया था। यही नहीं बल्कि पोस्टर में पटना स्थित पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर हाथ जोड़े तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को एक साथ दिखाया गया था।
जबकि लालू प्रसाद यादव के बडे बेटे तेजस्वी यादव पर ईडी की नकेल कसने की कार्रवाई को भी पोस्टर में जगह दी गई थी। इसके अलावा आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साथ शहाबुद्दीन और राजबल्लभ को सलाखों के पीछे दिखाया गया था।
याद रहे कि इस साल के प्रारंभ में भी राजद और जदयू के बीच ‘पोस्टर वार’ देखा गया था। इस मामले को लेकर राजद नेताओं ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन यह तय माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले पोस्टर वार राजनीतिक युद्ध तब्दील हो जाएगा।