कोरोना काल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल यानी गुरुवार 20 अगस्त को देशभर के शहरों में साफ-सफाई से संबंधित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ के परिणामों की घोषणा की । देशभर के शहरों में साफ-सफाई से संबंधित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ के परिणामों की घोषणा में एक बार फिर से पहले पायदान पर इंदौर काबिज है। वहीं, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सूरत को देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया है। सरकार हर वर्ष सवच्छ सवेर्क्षण परिणामों की घोषणा करती है और इससे पहले चार बार इस तरह का सवेर्क्षण हो चुका है।
इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 में दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं। हालांकि पांचवें वार्षिक सर्वेक्षण में बिहार के लिए कुछ भी अच्छा नहीं कहा जा सकता। राज्य के कई शहर सबसे गंदे शहरों की सूची में हैं। छोटे शहरों की श्रेणी में सबसे गंदा है जबकि बड़े शहरों की श्रेणी में पटना सबसे गंदा शहर पाया गया है।
वहीं 100 से अधिक शहरी निकाय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को ‘सर्वाधिक स्वच्छ राज्य’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को स्थान मिला है। वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक समारोह में की, जहां विभिन्न श्रेणी में 129 पुरस्कार दिए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजों में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले शहरों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि अन्य शहर इससे प्रेरणा लेकर स्वच्छता के अपने प्रयासों में तेजी लाएंगे। मोदी ने स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे घोषित होने के बाद ट्वीट किया, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले सभी शहरों को बधाई। उम्मीद करता हूं कि स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्य इससे प्रेरणा लेंगे और अपने प्रयासों में तेजी लाएंगे। ऐसी प्रतिस्पर्धा स्वच्छ भारत अभियान को बल देती है और लाखों लोगों का लाभ पहुंचाती है।
सर्वेक्षण के पहले संस्करण में भारत में सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मैसुरू ने हासिल किया था, जबकि इसके बाद इंदौर लगातार तीन साल तक (2017,2018,2019) शीर्ष स्थान पर रहा ।
करीब एक महीने चले इस सवेर्क्षण के दौरान एक करोड़ 70 लाख नागरिकों ने स्वच्छता ऐप पर पंजीकरण किया है। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से अधिक लोग इससे जुड़े। साढे पांच लाख से अधिक सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण योजनाओं से जुड़े और ऐसे 21 हजार स्थानों की पहचान की गई, जहां कचरा पाये जाने की ज्यादा संभावना है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ साथ विभिन्न शहरों के मेयर , निगम आयुक्त और अन्य पक्षधारक इस कार्यक्रम में शामिल हुए ।
सबसे गंदे शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी)
1- पटना (बिहार)
2- पूर्वी दिल्ली (ईडीएमसी)
3- चेन्नै (तमिलनाडु)
4- कोटा (राजस्थान)
5- उत्तरी दिल्ली
6- मदुरै (तमिलनाडु)
7- मेरठ (उत्तर प्रदेश)
8- कोयंबटूर (तमिलनाडु)
9- अमृतसर (पंजाब)
10- फरीदाबाद (हरियाणा)
10 लाख से कम आबादी वाले सबसे गंदे शहर
1- गया (बिहार)
2- बक्सर (बिहार)
3- अबोहर (पंजाब)
4- भागलपुर (बिहार)
5- परसा बाजार (बिहार)
6- शिलॉन्ग (मेघालय)
7- ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
8- दीमापुर एमसी (नगालैंड)
9- बिहारशरीफ (बिहार)
10- सहरसा (बिहार)