दिल्ली में देश की सरकार बैठती है। वो सरकार जो जनता के द्वारा चुनी जाती है। सरकार का काम होता है 125 करोड़ देशवासियों के लिए कानून बनाना। इसी संसद में 11 दिसंबर को नागरिकता संसोधन बिल पास हो गया है। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हुए और कानून बन गया। ये नया कानून देशभर में विरोध का कारण बना हुआ है।
संसद से तकरीबन साढ़े ग्यारह किलोमीटर दूर एक यूनिवर्सिटी जिसका नाम है जामिया मिल्लिया इस्लामिया। 13 दिसंबर को यूनिवर्सिटी के छात्रों ने संसद तक जाने के लिए एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला इस दौरान नारेबाजी भी हुई। संसोधित कैब के खिलाफ नारेबाजी हुई।
नागरिकता संशोधन 2019 कानून के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई। रविवार शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी।जामिया के छात्रों का कहना है कि सभी छात्र शांतिपूर्वक विरोध कर रहें थे ,लेकिन पुलिसकर्मियों ने बिना इजाजत के जबरन यूनिवर्सिटी में घुसकर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर इलाके में हिंसक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नष्ट होने और दंगा फैलाने के आरोप में दो एफआईआर दर्ज किए हैं,और छात्रों पर आरोप है कि पुलिस प्रशासन पर जामिया के छात्रों ने पत्थरबाजी की है जिससे कई पुलिस वाले घायल हो गए है।
इस घटना पर राजनीति भी जमकर शुरू हो गई। कांग्रेस ने रात 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया। रात 12 बजे के करीब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे।
जामिया में बवाल के चलते दिल्ली के 15 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। यहां मेट्रो नहीं रोकी जा रही। वहीं जामिया के आसपास के इलाकों में उत्पात की घटना को देखते हुए सोमवार को सभी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल, पटना, बैंगलोर, गुवाहटी, उत्तराखंड और अलीगढ़ में भी पूरे दिन प्रदर्शन जारी रहा।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से स्नातक और स्नातकोत्तर की सेमेस्टर परीक्षाओं को रद्द करने के बाद अब गत शनिवार से शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। विश्वविद्यालय अब 6 जनवरी 2020 को खुलेगा।