विकाश कुमार/वृंदा यादव
पिछला साल 2022 खासकर राजनीतिक लिहाज से कई रंग दिखा गया। इस दौरान कई विधानसभा चुनाव और उपचुनाव भी हुए जहां जनता ने अपने मतों से सत्ता को बदल दिया या फिर उसे बरकरार रखा। कुछ सियासी दलों के लिए यह साल नए अवसर लेकर आया तो वहीं कुछ के लिए कड़ी मेहनत करने का संदेश देकर गया
वैष्णो देवी भवन परिसर में भगदड़
बीते साल 2022 का पहला दिन यानी 1 जनवरी को बुरी खबर लेकर आया था जब कटरा स्थित माता वैष्णो देवी भवन परिसर में भगदड़ मच गई थी। इस दौरान दम घुटने और कुचलने से 12 लोगों की मृत्यु हो गयी थी।
पंजाब में ‘आप’ सरकार
साल 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ ने एकतरफा जीत दर्ज की। इससे पहले पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन कांग्रेस में अंतर्कलह के चलते इसका सीधा फायदा ‘आम आदमी पार्टी’ को हुआ। पंजाब में सरकार बनाने के साथ ही आम आदमी पार्टी दिल्ली के अलावा एक और राज्य में पूर्ण बहुमत वाली सरकार के रूप में काबिज हो गई।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और गोवा में भाजपा की वापसी
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और गोवा के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी सत्ता को बरकरार रखा। इन तीनों राज्यों में सबकी निगाहें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के चुनाव पर थी जहां 2017 से योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार चल रही थी। भाजपा को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही थी जिसकी अगुवाई अखिलेश यादव कर रहे थे, लेकिन चुनाव परिणामों ने सबको चौंका दिया। वहीं उत्तराखण्ड में भी भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ और पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार बनी। उधर गोवा में भी प्रमोद सावंत की अगुवाई में एक बार फिर भाजपा सरकार बनाने में सफल रही। मणिपुर में भी भाजपा की सरकार बनी।
कांग्रेस से नेताओं का पलायन
कांग्रेस से पिछले एक साल में सबसे अधिक नेताओं ने पलायन किया। जिसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कॅप्टन अमरिंदर सिंह, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद, हार्दिक पटेल आदि शामिल हैं। इनके अलावा कई अन्य युवा नेताओं ने कांग्रेस से पलायन किया।
महाराष्ट्र में दलबदल
साल 2022 के जून महीने में महाराष्ट्र की राजनीति में तब बड़ा दलबदल हुआ जब उद्धव ठाकरे की अगुवाई में चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार से शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे 28 विधायकों को लेकर गुजरात चले गए। उद्धव खेमे की तरफ से उन्हें मनाने की कोशिशें भी हुईं लेकिन बाद में उन्होंने गुवाहाटी में डेरा डाल दिया। नतीजा यह हुआ कि उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और भाजपा के सहयोग से एकनाथ शिंदे की अगुवाई में सरकार बनी।
देश को मिली पहली आदिवासी राष्ट्रपति
देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिली है। भाजपा गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा कर राष्ट्रपति चुनाव जीता।
नीतीश ने बदला सहयोगी
बिहार में एक बार फिर भाजपा नीतीश कुमार की चाल को समझने में नाकाम रही और वे बड़ी आसानी के साथ पाला बदलने में कामयाब हो गए। उन्होंने सहयोगी दल भाजपा से किनारा कर लिया और एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिल गए।
गुजरात में भाजपा का इतिहास, हिमाचल में कांग्रेस को संजीवनी
साल 2022 के आखिरी महीने में संपन्न हुए गुजरात और हिमाचल के चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। हिमाचल में सत्तारूढ़ भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। जनता ने कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश दिया। वहीं गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई। भाजपा ने 182 में से 157 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया।
‘आप’ की हुई दिल्ली एमसीडी
पिछले डेढ़ दशक से दिल्ली नगर निगम पर काबिज भाजपा को चुनाव में हराकर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया। जिसमें आम आदमी पार्टी 134 सीटें, भाजपा 104, कांग्रेस 9 और निर्दलीय को 3 सीटों पर जीत हुई।
सक्रिय रही केंद्रीय एजेंसियां
केंद्रीय जांच एजेंसियां जैसे-प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई साल 2022 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ काफी सक्रिय दिखी। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी, मनीष सिसोदिया, डीके शिव कुमार और कई शीर्ष नेताओं से पूछताछ की गई। ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत, ‘आप’ मंत्री सत्येंद्र जैन और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्रियों-अनिल देशमुख और नवाब मलिक को गिरफ्तार भी किया।
नेशनल हेराल्ड केस
नेशनल हेराल्ड केस में 2022 में गांधी परिवार को परेशान किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पहली बार प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना पड़ा। सोनिया गांधी तीन बार ईडी के सामने पेश हुईं जबकि ईडी दफ्तर में राहुल गांधी से 5 बार पूछताछ हुई। ईडी के इस कदम के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी की ओर से व्यापक प्रदर्शन भी किए गए।
पीएफआई पर बैन
‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ यानी पीएफआई पर सरकार ने सितंबर महीने में प्रतिबंध लगा दिया और इसके 100 से ज्यादा एक्टिव मेंबर्स को गिरफ्तार कर लिया गया और कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव और ‘भारत जोड़ो यात्रा’
साल 2022 का सबसे बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव। इस चुनाव में पिछले 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष चुना गया। इस चुनाव में कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सीधा मुकाबला था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को बड़े अंतर से हरा दिया। वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। लंबे अरसे बाद सियासत में ऐसी कोई पदयात्रा हो रही है। यह यात्रा 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई। 150 दिनों में 3570 किमी की दूरी तय कर यह यात्रा श्रीनगर में खत्म होगी।
नूपुर शर्मा विवाद
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा इस साल काफी सुर्खियों में रहीं। दरअसल, उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर
मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन हुए। देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई और नूपुर मुस्लिम संगठनों और कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गईं।
हिजाब विवाद
फरवरी महीने की शुरुआत कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हुए हिजाब विवाद से हुई। दरअसल, कॉलेज की कुछ छात्राएं कॉलेज में ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर गई थीं, जिसके बाद इस पर विवाद उत्पन्न हो गया था, क्योंकि इसी महीने राज्य सरकार ने कर्नाटक एजुकेशन एक्ट 1983 की धारा 133(2) को लागू कर दिया।
अग्निपथ योजना विवाद

केंद्र सरकार द्वारा 14 जून को जारी की गई अग्निपथ स्कीम के कारण पूरे देश के युवाओं में गुस्सा भड़क उठा। इसका असर सबसे ज्यादा बिहार में देखने को मिला। अग्निपथ योजना बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए लागू की गई है। जिसके तहत 17 साल से ऊपर का कोई भी बच्चा सेना में नौकरी कर सकता है, लेकिन यह नौकरी उसके पास केवल 4 साल तक रहेगी और इस योजना के तहत नौकरी पाने वालों में सिर्फ 25 प्रतिशत लोगों की नौकरी ही परमोंट हो पाएगी। योजना की यही बात युवाओं को रास नहीं आई जिसके कारण बिहार में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
अंकिता हत्याकांड
अंकिता हत्याकांड ने लोगों में गुस्सा भर दिया। अंकिता झारखंड के दुमका जिले में रहती थी, जहां 23 अगस्त की सुबह उसे उसी के घर में घुस कर एक लड़के ने उसे आग लगा दी। जिसका नाम शाहरुख है और वह उसी के मोहल्ले में रहता था। अंकिता का कहना था की शाहरुख काफी समय से उसके पीछे पड़ा हुआ था और उसको दोस्ती करने पर मजबूर कर रहा था।
लखीमपुर खीरी हत्याकांड
उत्तर प्रदेश में स्थित लखीमपुर खीरी में हुई दो दलित बहनों की हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। जब 15 सितंबर की रात दो सगी बहनों की लाश गांव के ही एक खेत में पेड़ से लटकी मिली। पीड़ित परिवार ने इस बात की सूचना पुलिस को देते हुए बताया कि आरोपी जबरदस्ती घर में घुसे, मार-पीट की और दोनों लड़कियों को घर से उठा कर ले गए। इस घटना को अंजाम देने में छोटू, सुहेल, जुनैद, हफीजुल्लाह, करीमुद्दीन और आरिफ शामिल हैं।
मोरबी हादसा
गुजरात के मोरबी में पुल हादसा साल 2022 के सबसे दर्दनाक मामलों में से एक है। जिसमें 30 अक्टूबर के दिन मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज अधिक भार के कारण अचानक से टूट कर गिर गया। जिसमें करीब 135 लोगों की मौत हो गई।
श्रद्धा मर्डर केस
श्रद्धा मर्डर केस राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के महरौली से सामने आया जिसमें लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे एक प्रेमी आफताब ने अपनी साथी को मार कर उसके 35 टुकड़े कर दिए। मामले की जांच के दौरान पता चला की दोनों मुंबई के रहने वाले थे। साल 2019 में दोनों की दोस्ती हुई जो जल्द ही प्यार में बदल गई। लेकिन जब श्रद्धा आफताब पर शादी के लिए दबाव डालने लगी तो दोनों के बीच लड़ाई होने लगी। 18 मई को लड़ाई इतनी बढ़ गई की गुस्से में आफताब ने श्रद्धा का गला दबा कर मार दिया और उसके बाद उसके 35 टुकड़े कर दिए।
साहित्य अकादमी पुरस्कार
साल 2022 में साहित्य अकादमी पुरस्कार बद्री नारायण को उनकी कविता संग्रह ‘‘तुमड़ी के शब्द“ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अंग्रेजी भाषा के लिए अनुराधा रॉय को उनके उपन्यास ‘ऑल द लाइव्स वी नेवर लिव्ड’ के लिए के लिए चुना गया। उर्दू भाषा के लिए अनीश अशफाक तो वहीं संताली भाषा के लिए कजली सोरेन और मैथिली भाषा के लिए अजीत आजाद को चुना गया है।
पारदर्शिता के लिए उठाए अहम कदम
साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए अहम कदम उठाए। संविधान पीठों की लाइव- स्ट्रीमिंग शुरू करने का क्रांतिकारी फैसला किया। मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए नया तंत्र विकसित किया, आरटीआई पोर्टल और अदालत के मोबाइल एप का उन्नत वर्जन शुरू किया।
एक साल में तीन सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट के 72 साल के इतिहास में 2022 में एक साल के भीतर शीर्ष अदालत में तीन मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। जस्टिस एनवी रमण अप्रैल 2021 में देश के 48वें सीजेआई बने थे। वह इस साल अगस्त में सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें सीजेआई बने। वह नवंबर को सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद नौ नवंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने देश के 50वें सीजेआई के रूप में शपथ ली।
कई संविधान पीठों का गठन
इस साल कई संविधान पीठों का गठन हुआ। इनमें दिल्ली सरकार-केंद्र के बीच अधिकारों के बंटवारे, नोटबंदी, जल्लीकट्टू, महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली के गठन की मांग संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसके अलावा इस्राइली जासूसी उपकरण पेगासस के उपयोग से लोगों की जासूसी के आरोपों पर सुनवाई की। गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को समय से पहले रिहा करने के फैसले को भी मंजूरी दी।