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एक और मामले में दोषी पाए गए लालू यादव

बिहार के पूर्व मुख्यमत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के डोरंडा केस में भी दोषी पाए गएहैं । यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है।, आज 15 फरवरी को झारखण्ड के रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में 24 लोगों को बरी भी किया है। इस मामले में सजा का एलान होना बाकी है, जो 21 फरवरी को होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरजेडी सुप्रीमो को तीन साल से कम की सजा होती है तो उन्हें तुरंत जमानत मिल जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो लालू प्रसाद यादव को हिरासत में लिया जाएगा। इससे पहले लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 27 साल की सजा सुनाई गई थी।साथ ही उनको एक करोड़ का जुर्माना भी भरना पड़ा था।फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं।

 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,लालू प्रसाद यादव की तबीयत फिलहाल ठीक नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीआई कोर्ट इस बात को ध्यान में रखकर उन्हें कुछ राहत दे सकता है। हालांकि, पिछले मामलों को देखें तो लालू यादव को सीबीआई कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। चारा घोटाले से जुड़े पिछले मामलों में लालू को पांच से सात साल तक की सजा हुई थी। बाद में हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी।

क्या है डोरंडा कोषागार मामला?

सयुक्त बिहार और झारखंड के चारा घोटाले का यह सबसे बड़ा मामला है। यह मामला वर्ष 1990 से 1995 के बीच का है। लेकिन इसका पता वर्ष 1996 में उस वक्त लगा था, जब कुछ सरकारी अधिकारियों ने फर्जी खर्चे की रिपोर्ट्स जमा की थीं। इसके बाद सामने आया कि डोरंडा कोषागार से करोड़ों रुपये निकाले गए और बिना वेरिफिकेशन के फर्जी खर्च की रिपोर्ट दिखाई गईं। यह घोटाला सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था। अदालत ने उन्हें दोषी भी करार दिया था, लेकिन बाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था। उस समय अदालत ने कहा था कि जगन्नाथ मिश्रा पर इस मामले में सीधे तौर पर कोई आरोप सिद्ध नहीं होता है।

गौरतलब है कि डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में लगभग 170 आरोपी थे। इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया है। वहीं सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था। वहीं मामले में छह नामजद आरोपी फरार हैं। इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद सहित 99 आरोपी हैं।

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