बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने की उम्मीद है। चुनाव में अभी लगभग छह महीने का समय बाकी है पर अभी से ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। जहां जदयू-भाजपा गठबंधन महागठबंधन में सेंध लगाने पर तुला है वहीं लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल अपने सहयोगी दलों के युद्ध छेड़े बैठी है। महागठबंधन में जीतनराम मांझी और तेजस्वी यादव के बीच शीत युद्ध पहले से ही जारी है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP के साथ भी दिनों-दिन RJD की तकरार बढ़ती जा रही है।
RJD की तरफ से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी को बता कर बवाल किया गया उसके बाद कांग्रेस के तरफ से मीरा कुमार का नाम उछाल कर माहौल को और अधिक गर्म कर दिया गया। ये सब अभी थमा भी नहीं था कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HUM) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने को-ऑर्डिनेशन कमिटी की मांग को लेकर RJD पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसमें मांझी को गठबंधन के दूसरे सहयोगियों उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी का भी साथ मिला।
बात यहीं रूक जाती तो ठीक था। दो दिन पहले तेजस्वी पर नकेल कसने के लिए कांग्रेस ने कह दिया कि वो डोमिसाइल नीति का समर्थन नहीं करती है। कांग्रेस ने RJD के डोमिसाइल नीति पर सवाल खड़े करते प्रदेश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने तेजस्वी की डोमिसाइल नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, “ऐसे दो मिसाइल नीतियों से बिहार में अराजकता पैदा हो जाएगी। बिहार के लाखों लोग जो बिहार से बाहर जाकर नौकरी कर रहे हैं, उन्हें भगाया जाने लगेगा।”
प्रेमचंद्र मिश्रा ने तेजस्वी को सलाह देते हुए ये भी कहा कि ऐसी नीतियों से उन्हें बचना चाहिए। कांग्रेस ऐसी किसी भी डोमिसाइल नीति का समर्थन नहीं करती है। वहीं इस पर RJD की ओर से भी पलटवार किया गया। RJD की तरफ से ये बयान आया कि डोमिसाइल नीति को हर हाल में लागू किया जाएगा। RJD नेता भाई वीरेंद्र ने कहा, “तेजस्वी ने न सिर्फ बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बात कही बल्कि सदन में भी ये बात रख चुके हैं कि बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होगी ताकि बिहारी लोगों को ज्यादा-से-ज्यादा नौकरी मिल सके।”
कांग्रेस के विरोध के सवाल पर भाई वीरेंद्र ने कहा आने वाले दिनों में उन्हें भी मनाने की कोशिश की जाएगी। इसके पहले 17 मार्च को मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी जिसके बाद से अटकले तेज हो गईं हैं कि वो फिर से नीतीश के साथ नहीं जाने वाले। अंदर-ही-अंदर कई तरह की खिचड़ी पक रही है। इन सभी दबाव को देखते हुए RJD भी अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं। सबसे पहले मांझी और कुशवाहा से निपटने के लिए RJD ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्लान-B पर तैयारी शुरू कर दिए हैं।
अब सवाल उठता है कि RJD का प्लान B आखिर है क्या? आखिर प्लान-B के पीछे लालू यादव की क्या रणनीति है? दरअसल, अंदर खाने से ये खबर आ रही है कि कुशवाहा को रोकने के लिए RJD तकरीबन 10 से 15 कुशवाहा उम्मीदवारों को टिकट देने वाली है। उसी प्रकार मांझी के मुसहर समाज से RJD अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। हालांकि, RJD के नेता खुलकर अभी प्लान B के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन तेवर देख कर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसी रणनीति पर काम चल रहा है।