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राजनीति का खलीफा रहे लालू अब हो रहे पस्त

 देश के प्रधानमंत्री मोदी ने दो दिन पहले एक  ट्वीट किया और  दावा किया कि उन्होंने राजद सुप्रीमो को फोन कर ‘‘गंदे तरीके’’ अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने अपनी पार्टी के नेता विजय कुमार सिन्हा के विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा, ‘‘लालू प्रसाद का षड्यंत्र विफल हो गया।’’  यही नहीं बल्कि मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डेढ़ मिनट की क्लिप साझा की, जिसमें लालू यादव को अपने अंदाज में पीरपैंती के विधायक ललन कुमार को अपने लहजे में हड़काते हुए सुना जा सकता है।

ऑडियो में लालू यादव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हम आपका ठीक से ख्याल रखेंगे, आप कल विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में राजग उम्मीदवार को हराने में हमारी मदद कीजिए। भाजपा विधायक ललन पासवान ने दावा किया कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें रांची से फोन कर विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में सदन से गैरहाजिर रहने को कहा था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के मंत्री मुकेश साहनी ने भी नए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। साथ ही इसी दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि संविधान घर से सीखना चाहिए कि किस तरह जेल से एनडीए सदस्य को धमकी और प्रोलोभन देने का काम किया जा रहा है। संविधान की दुहाई देने वालों को यह सोचना चाहिए।

  बिहार का विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद तेजस्वी यादव के संबोधन के बाद मुकेश सहनी ने ऐसी बात कह डाली जो बाद में सियासी चर्चा का विषय बन गयी। गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में विजय सिन्हा को बधाई देते हुए कहा कि हम वैशाली से जीत कर आए है, जो दुनिया मे लोकतंत्र की जननी है। मेरा सभी से अनुरोध है  कि संविधान की रक्षा करें। सच को जितना भी छुपाये वह समय समय पर निकल आता है।  झूठ और असत्य का साथ नहीं दे सकते हैं।

 इसके पहले ही भाजपा नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर लालू यादव पर जेल से फोन उठाने का आरोप लगा डाला। उन्होंने कहा था कि मैंने लालू को फोन किया तो कॉल उन्होंने ही रिसीव किया और उसमें लालू प्रसाद यादव की आवाज थी। भाजपा नेता सुशील मोदी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद पर एनडीए के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। एनडीए सवाल उठा रहा है कि जेल में बंद लालू फोन कैसे कर सकते हैं? वहीं राजद कह रहा है कि यह सब फर्जी है। आज बिहार में लालू यादव की भाजपा नेताओ ने घेराबंदी कर दी है। जिसमे उनपर जेल से फोन पर खेल करने के आरोप लग रहे है।

लेकिन एक जमाना ऐसा भी था जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव  को लोग राजनीतिक खलीफा की उपाधि भी दिया करते थे। ये इसलिए क्योंकि कई विपरीत परिस्थितियों में भी वे कहीं झुके नहीं और कई बार तमाम दबावों के बावजूद उन्होंने समझौता नहीं किया।  भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी लालू यादव के राजनैतिक जीवन की एक अमिट उपलब्धि कही जाती है। आज भी वे सेक्यूलर राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं।

हालांकि वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता और कभी बिहार की राजनीति में एकछत्र राज करने वाले लालू यादव आज चारा घोटाला मामले में जेल में हैं। आज उनकी बेल होनी थी, लेकिन उसे 11 दिसंबर तक टाल दिया गया है । लालू प्रसाद जब से चारा घोटाले में फंसे, वह राजनैतिक तौर पर कमजोर होते गए। वह फिर कभी अकेले दम पर बिहार में बहुमत हासिल नहीं कर सके। यह तभी हुआ जब लालू प्रसाद के वोटरों ने उनका साथ छोड़ना शुरू किया होगा।  

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