पहली भारतीय मिस वर्ल्ड का खिताब जीत भारत का नाम रोशन करने वाली अभिनेत्री सुष्मिता सेन और इंडियन प्रीमियर लीग (
आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी इन दिनों एक ट्वीट को लेकर सुर्खियों में हैं। बीते 15 जुलाई को ललित मोदी ने सुष्मिता सेन के साथ अपनी एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों ने सुष्मिता सेन और ललित मोदी को नए सफर की शुभकामनाएं दी है तो वहीं कुछ लोगों ने उनके रिश्ते को ट्रोल कर गंदे कमैंट्स और मीम्स भी बनाये हैं।सोशल मीडिया पर लगातार मिल रहे गंदे कमैंट्स और मीम्स में ललित मोदी को भगोड़ा और सुष्मिता सेन को ‘गोल्ड डिगर’ तक कहा गया जिसके बाद सुष्मिता सेन और ललित मोदी ने पोस्ट के ज़रिये सभी ट्रोलर्स को खरी खोटी सुनाई है ।
ललित मोदी ने पोस्ट करते हुए कहा कि ‘हमें गलत ट्रोल किया जा रहा है। मैंने केवल दो फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर और टैग की हैं। मुझे लगता है कि हम मिडिल एज में हैं क्या दो मिडिल एज के लोग दोस्त नहीं हो सकते हैं। जब समय और केमिस्ट्री अच्छी होती है तो चमत्कार हो ही जाता है।
ललित मोदी ने खुद को भगोड़ा कहने पर पोस्ट में लिखा आप मुझे भगोड़ा बोल रहे हैं क्या मुझे किसी कोर्ट ने भगोड़ा ठहराया है? मैं डायमंड स्पून के साथ पैदा हुआ था। मैंने कभी रिश्वत नहीं ली है न ही मुझे इसकी जरूरत है। मैं भारत के बड़े व्यापारी का पोता हूं। मुझे कभी भी लोगों और सरकार के पैसों की ज़रूरत नहीं पड़ी । इसके बाद भी सोशल मीडिया पर ललित और सुष्मिता के रिश्ते को लेकर जमकर मीम्स बन रहे हैं।
कौन हैं ललित मोदी
ललित कुमार मोदी रायबहादुर गूजर मल के पोते होने के साथ-साथ एक भारतीय व्यवसायी भी हैं। वे क्रिकेट प्रशासक रह चुके हैं । उन्हें पढ़ाई-लिखाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह अपने स्कूल से भी भाग जाया करते थे। बाद में उन्होंने हायर एजुकेशन के लिए जिद करके संयुक्त राज्य अमेरिका के डरहम में ड्यूक विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था। वह यूर्निवर्सिटी में कई बार जेल के चक्कर लगाते रहते थे। उन्हें एक बार ड्रग केस में गिरफ्तार कर लिया गया था । यही नहीं इसके अलावा भी वह कई अपराध कर चुके है। वर्ष 1991 में उन्होंने अपनी मां की एक दोस्त मीनल से शादी की,जिनसे वह उस समय मिले थे जब वह अमेरिका में पढ़ते थे। मीनल उनसे नौ साल बड़ी थी और नाइजीरियाई व्यक्ति से तलाकशुदा थी।
ललित मोदी की तरक्की पर विवाद
क्रिकेट, बॉलीवुड, राजस्थान सरकार और नौकरशाही में उनकी पैठ ने ललित मोदी को कम समय में काफी ताकतवर और चर्चित हस्ती के तौर पर स्थापित कर दिया था। हालांकि, लोकप्रियता के साइड इफेक्ट से भी वह जूझे और कई मुसीबतों से भी घिरे।
नागौर से क्रिकेट की सियासत
राजस्थान के नागौर जिले से क्रिकेट की दुनिया में कदम जमाने वाले ललित मोदी को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) का अध्यक्ष बनाने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार के द्वारा नियम तक बदल दिए गए। क्योंकि ललित मोदी ने क्रिकेट के साथ-साथ राजस्थान सरकार और नौकरशाही पर भी जबरदस्त पकड़ बना हुई थी। ललित मोदी ने साल 2002 में राजस्थान की नागौर जिला क्रिकेट संघ से अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। जीत के बावजूद ललित मोदी आरसीए के अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं लड़ पाए।
नियमों में बदलाव के बाद आरसीए में एंट्री
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की डोर उस समय किशोर रूंगटा ग्रुप के हाथों में थी। उस समय आरसीए के आजीवन सदस्य भी वोट दे सकते थे। इनमें से अधिकतर सदस्य रूंगटा ग्रुप के ही बनाए गए थे ये हर बार किशोर रूंगटा को ही समर्थन देते थे। ऐसे में ललित मोदी की आरसीए में एंट्री पर ब्रेक लग गया था। राजस्थान में साल 2003 में बीजेपी की वसुंधरा सरकार बनने के बाद देश में पहली बार नया स्पोर्ट्स एक्ट बनाया गया। इसके जरिए आजीवन सदस्यों के वोटों के अधिकार को ही खत्म कर दिया गया।
आरसीए के जरिए बीसीसीआई में बढ़ाया कद
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के इतिहास में पहली बार सिर्फ जिला संघ के पदाधिकारियों को वोटिंग के अधिकार दिए गए। इसके बाद ललित मोदी का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने सालों से कब्जा जमाए रूंगटा ग्रुप को उखाड़कर साल 2005 में आरसीए के अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया। उस दौरान कहा गया कि ललित मोदी ने आरसीए का अध्यक्ष बनने के लिए अपने सियासी कनेक्शंस का इस्तेमाल किया है। आरसीए अध्यक्ष रहते हुए ललित मोदी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष भी बन गए।
आईपीएल की शुरुआत और मनी लॉन्ड्रिंग विवाद
ललित मोदी ने साल 2008 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पहले सीजन की शुरुआत की गई। इसमें उन्हें बतौर चेयरमैन और कमिश्नर आईपीएल के आयोजन की सारी जिम्मेदारी ललित मोदी को ही सौंपी गईं। उन्होंने इसे क्रिकेट, बॉलीवुड और राजनीति का कॉकटेल बनाकर काफी ग्लैमरस स्पोर्ट्स इवेंट बना दिया था। दो साल बाद यानी 2010 में मनी लॉन्ड्रिंग विवाद के बाद ललित मोदी देश छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद बीसीसीआई ने भी मोदी को पद से हटा दिया।
आरसीए में दोबारा घुसने की नाकाम कोशिश
ललित मोदी ने क्रिकेट में अपनी साख गंवाने के बावजूद साल 2010 में ही एक बार फिर आरसीए के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। तत्कालीन आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित ने इस बार उन्हें करारी शिकस्त मिली। ललित मोदी ने संजय दीक्षित को ज्यादा समय पद पर काबिज नहीं रहने दिया। ललित मोदी उसी साल संजय दीक्षित के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जिसके बाद सीपी जोशी आरसीए के अध्यक्ष बने।
ललित मोदी के चलते आरसीए पर 5 साल का बैन
बीसीसीआई से बैन के बावजूद ललित मोदी ने साल 2013 में एक बार फिर आरसीए के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। इस बार अधिकतर जिला संघों ने ललित मोदी के समर्थन में वोट किया और वह जीत गए। आरसीए के चुनाव को असंवैधानिक मानते हुए बीसीसीआई ने ललित मोदी के चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी। इसके साथ ही आरसीए की मान्यता को भी सस्पेंड कर दिया गया। ललित मोदी की वजह से साल 2013 से 2018 तक 5 साल RCA बैन रहा।
आमेर महल की हवेलियों की नीलामी पर विवाद
ललित मोदी ने आरसीए का अध्यक्ष बनने के साथ ही राजस्थान की सत्ता में पकड़ और मजबूत कर ली थी। नौकरशाही में तबादलों से लेकर कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों से सिफारिश करने में भी ललित मोदी आगे रहते थे। ललित मोदी के हाथों आमेर महल से जुड़ी कुछ हवेलियां कौड़ियों के दाम पर बेचने का आरोप लगा। विपक्ष के हंगामे के बाद राजस्थान सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और महज 10-10 लाख में बेची गई बेशकीमती हवेलियों की नीलामी पर रोक लगानी पड़ी।
ललित मोदी के परिवार और कारोबार
दिग्गज कारोबारी परिवार से आने वाले ललित मोदी के दादा ‘दादा गुजरमल मोदी’ ने उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास औद्योगिक शहर मोदीनगर को बसाया था। गुजरमल मोदी की आठ संतानों में एक केके मोदी के बेटे ललित मोदी अब उनकी बनाई कंपनी केके मोदी के प्रेसिडेंट हैं। ललित मोदी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल, वेबसाइट ललित मोदी डॉट कॉम और फेसबुक पेज पर भी अपनी पहचान मोदी इंटरप्राइजेज के प्रेसिडेंट के तौर पर बताई है। मोदी इंटरप्राइजेज कई तरह के प्रॉडक्ट बनाने के साथ ही कंज्यूमर प्रॉडक्ट, नेटवर्क मार्केटिंग, एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, टी और अन्य पेय पदार्थ, हेल्थ, फैशन, फूड और अस्पताल के क्षेत्र में काम करती है।
देश छोड़कर भागने के बाद लंदन में बसेरा
मोदी ग्रुप का कारोबार भारत के अलावा मिडिल ईस्ट अफ्रीका, वेस्ट अफ्रीका, साउथ ईस्ट अफ्रीका जैसे कई देशों में फैला हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, ललित मोदी की कुल संपत्ति करीब 57 करोड़ डॉलर यानी 4,555 करोड़ रुपये की है। लंदन के प्रतिष्ठित 117, स्लोएन स्ट्रीट पर 7000 स्क्वायर फीट में फैला उनका पांच मंजिला मेंशन है। साल 2010 में देश छोड़ने के बाद 56 वर्षीय ललित मोदी यहीं रहते हैं। ललित मोदी को भारत लाने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही थी, लेकिन उन्हें भारत नहीं लाया जा सका है।
यही कारण है कि सुष्मिता सेन और ललित मोदी की बढ़ती नज़दीकियों को लेकर इतना विवाद हो रहा है। विवादों का सिलसिला इतना बढ़ गया है कि आम जनता ही नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी हस्तियां भी उनके रिश्ते को लेकर प्रतिक्रियां दे रहे हैं। तसलीमा नसरीन ने सुष्मिता पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ललित से प्यार हो सकता है, सिर्फ पैसे की वजह से। उन्होंने लिखा, क्या इसका मतलब है कि आदमी सूपर अमीर है? तो क्या वह पैसे के लिए बिक गई थीं? हो सकता है कि वह उस आदमी के साथ प्यार में है। लेकिन विश्वास नहीं होता कि वह प्यार में है। जिन्हें पैसों से मोहब्बत हो जाती है, मेरी नजरों में वो बहुत जल्दी इज्जत खो देते हैं।
दोनों के रिश्ते को लेकर तरह-तरह के मीम्स भी बनाये जा रहे है जिनमे सुष्मिता सेन और ललित मोदी की उम्र का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। जैसे कि ‘उन लड़को के लिए दो मिनट का में व्रत जो गिम में घंटों पसीना बहते हैं।’ एक में लिखा भाई पैसा हो तो क्या कुछ नहीं सकता ?’ एक में लिखा कि ज़िन्दगी हो तो ललित मोदी जैसी’ आदि मीम्स बनाकर सुष्मिता सेन और ललित मोदी के रिश्ते को काफी ट्रोल किया जा रहा है।