उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा मामला दो दलित बहनों का है। बताया जा रहा है कि इन दोनों बहनों को तीन बाइक सवार जबरन घर से उठाकर ले गए। जिसके बाद उनके साथ रेप किया और बाद में उनका गला दबाकर उन्हें पेड़ से लटका दिया। इस मामले में अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इन आरोपियों के नाम छोटू, सुहेल, हफीजुल्लाह, करीमुद्दीन, आरिफ ,जुनैद बताया जा रहा है। सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस द्वारा जब सुहेल और जुनैद से पूछताछ की गई तो दोनों आरोपियों ने दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की है और पुलिस को बताया कि साजिशकर्ता छोटू ने ही लड़कियों की दोस्ती पड़ोसी गांव के आरोपी युवकों से करवाई थी। तीन डाक्टरों के पैनल ने शवों का पोस्टमॉर्टम किया । पूरे पोस्टमॉर्टम की विडियोग्राफी भी की गई। जिसमें बलात्कार करने और गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। इसके बाद शवों को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके घर पहुंचाया गया। स्थानीय प्रशासन और परिवार के बीच लिखित समझौता होने के बाद ही दोनों बहनों का अन्तिम संस्कार किया गया।
प्रसाशन के अनुसार इस घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगी। जिससे आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल पाएं। एसडीएम निघासन राजेश कुमार सिंह और जिला के एएसपी अरूण कुमार सिंह द्वारा मृतक के पिता को लिखित रुप में आश्वासन पत्र सौंपा गया है। इस आश्वासन पत्र के मुताबिक मृतक के परिवार को 16 लाख रुपए दिए जाएंगे । यानी “एससीएसटी एक्ट” के तहत दोनों लड़कियों के आठ -आठ लाख रुपए 16 सितंबर तक परिवार वालों को ट्रान्स्फर किये जायेंगे। इस समझौते के मुताबिक रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत अन्य धनराशि को भी मुहैया करवाया जाएगा। साथ ही आवास योजना के अन्तर्गत आवास भी दिया जाएगा। परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने के आश्वासन सहित सभी आरोपियों को फांसी दिलवाने का भी लिखित आश्वासन दिया गया है।
पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल
गौरतलब है नाबालिक लड़कियों की मां ने युवकों पर जबरन लड़कियों को उठाकर ले जाने और उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है । लेकिन पुलिस इस मामले को कुछ और ही बता रही है। एसपी संजीव सुमन के मुताबिक मुख्य आरोपी जुनैद और उसके साथियों से दोनों लड़कियों की दोस्ती थी। लड़कियों को वो बहला फुसलाकर कर अपने साध ले गए थे। इसके उपरांत उनका रेप किया गया फिर गला दबाकर उन्हें पेड़ पर लटका दिया । वहीं पुलिस के इस कथन से मृतक लड़कियों के भाई सहमत नहीं हैं । उनके अनुसार पुलिस क्या कह रही उन्हें समझ नहीं आ रहा है।
लड़कियों के भाईयों ने पुलिस के कथन पर सवाल उठाया है कि अगर दोनों बहनें सहमति से गई तो वे आरोपी उनकी हत्या क्यों करते।
वहीं नाबालिग मृतक लड़कियों की मां के अनुसार भी वो अपनी दोनों बेटियों के साथ बुधवार की दोपहर घर के बाहर बैठी हुई थी ,कुछ देर बाद वो घर के अंदर कपड़े डालने के लिए बेटियों को बाहर छोड कर चली गई ,और उसी वक्त बाइक सवार तीन युवक वहां पहुचें । तीन में से दो अलग-अलग लड़कों ने उनकी बेटियों को घसीटा और एक लड़के ने बाइक स्टार्ट की और दोनों को लेकर मौके से फरार हो गए।’ उनके मुताबिक’तीनों लड़के रोज आते थे। ये तीनों ही लालपुर के रहने वाले हैं । ‘हम जैसे ही अंदर गए, तभी पीली शर्ट और सफेद शर्ट पहने दो लड़के उनकी बेटियों को घसीटने लगे जबकि नीली शर्ट पहने युवक ने गाड़ी स्टार्ट की और फिर तीनों लोग लड़कियों को लेकर फरार हो गए. महिला ने कहा, इस दौरान बेटियों को बचाने के लिए वह दौड़ी और उसके कपड़े भी फट गए। ऐसे पुलिस की थ्योरी बेतुकी लग रही है। इसलिए आरोपियों के डीएनए की भी जांच हो इसके लिए भी जोर दिया जा रहा है। आरोपियों के कपड़े फोरेंसिक लैब में भिजवाते गए हैं।
पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। खीरी के एसपी संजीव सुमन द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया था कि ”गाँव के पास लालपुर गाँव के दूसरे समुदाय के पाँच लड़कों ने घटना को अंज़ाम दिया है । उनका साथ गाँव के एक लड़के ने भी दिया। पुलिस द्वारा जो एफआईआर दर्ज की गई है । उसमें घर में घुसकर मारपीट, दुष्कर्म, हत्या और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले आई एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक भी उत्तर प्रदेश ऐसी घटनाओं में काफी आगे पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में होने वाले महिला अपराधों की कुल संख्या 56 हजार 83 थी ,और अभी भी उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं देखी जा सकती है। लखीमपुर की इस घटना को लेकर एक ओर जहां पूरे यूपी में घटना से तनाव का माहौल बना हुआ वही दूसरी और राजनीति गरमा गई है। इस मामले को लेकर योगी सरकार को विपक्ष दलों द्वारा घेर लिया गया है। विपक्षों द्वारा यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यागद, बीएसपी प्रमुख मायावती और शिवपाल सिंह यादव सहित आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार को घेरा है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण और दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है। यूपी में अपराधी बेखौफ हैं , क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं।
यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है। हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।’
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समाज वादी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि ‘निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है’।
भारत जोड़ो यात्रा में लगे राहुल गांधी ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। ‘लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है। बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा’।
“प्रगतिशील समाजवादी पार्टी” अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी राज्य सरकार को घेरा है । शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, “लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव को पेड़ से लटकाने की नृशंस घटना दुर्भाग्यपूर्ण व हृदय विदारक है। ऐसी घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़ा करती हैं। दोषियों के खिलाफ त्वरित, पारदर्शी व कड़ी कार्रवाई करे सरकार।”
इसी श्रंखला में आप पार्टी के संजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘लखीमपुर खीरी में दिल दहला देने वाली घटना दलित समाज की दो बच्चियों की फंदे पर लटकी हुई लाशें मिली है। परिजन निर्मम हत्या का आरोप लगा रहे है। घटना के विरोध में लोग सड़कों पर उतर गए। आदित्यनाथ जी के बेटी बचाओ नारे की पोल खोल रही है ये घटना।’