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जानिए क्यों तेजी से ट्रेंड हो रहा है #मोदी इस्तीफा दो

भारत की आबादी में से 70 करोड़ लोग मोबाइल फोन यूज़ करते हैं। भारत की 125 अरब आबादी में लगभग 700 मिलियन लोगों के पास फोन हैं। इनमें से 25 करोड़ लोगों के पास अपनी जेब में स्मार्टफोन है। जिसका फायदा राजनीतिक पार्टियां भी खूब उठाती हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल चुनावी कैम्पेन के लिए भी खूब किया जाता है और आंकड़े बताते हैं भाजपा ने सबसे अधिक सोशल मीडिया का लाभ उठाया है। देश के प्रधानमंत्री मोदी बखूबी समझ चुके थे कि लोगों के दिल में उतरने के लिए सोशल मीडिया भी बहुत उपयोगी है। उनके लिए ये केवल जुनून नहीं बल्कि उनकी ज़रूरत बन गया था और साल 2014 में उनकी जीत के पीछे इसकी अहम भूमिका रही थी।

2014 के लोकसभा चुनावों में जिस प्रकार भाजपा द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग किया गया था उसे देख कर तो मोदी को फाइनेंशियल टाइम्स ने भारत का पहला सोशल मीडिया प्रधानमंत्री तक कह दिया था। लेकिन सोशल मीडिया अगर आपको ऊंचाइयों तक पंहुचा सकता है तो वहीं ये आपको परेशानी में भी डाल सकता है।

पीएम मोदी का वो ट्वीट तो आप सबको याद ही होगा जिसको लेकर आजतक ट्विटर पर मोदी जी से इस्तीफे की मांग जारी है। हो भी क्यों न कोरोना संकट काल के दौरान उनकी सरकार की विफलता पर नाराजगी का नतीजा है जिसको लेकर ट्विटर पर आजकल #मोदी इस्तीफा दो और #Resignmodi छाया हुआ है। लोग पीएम मोदी को उनके पुराने ट्वीट को लेकर लगातार घेर रहे हैं।

जो उन्होंने साल 2014 के दौरान किया था। तब वह प्रधानमंत्री बनने की रेस में थे। पीएम ने तब ये ट्वीट यूपीए सरकार को निशाने पर लेते हुए किया था। लेकिन अब उनका ये ट्वीट उनके लिए परेशानी बन चुका है।

https://twitter.com/HansrajMeena/status/1385934679841280004

दरअसल, नरेंद्र मोदी द्वारा ट्वीट किया गया था कि, ‘भारत को एक मजबूत सरकार की आवश्यकता है। बात मोदी की नहीं है। मैं तो वापस जाकर चाय का स्टॉल भी खोल सकता हूं। लेकिन अब देश और पीड़ा नहीं झेल सकता।’ इसी ट्वीट को निकाल कर अब लोग कमेंट कर रहे हैं कि अब नरेंद्र मोदी के इस्तीफे का वक्त आ चुका है। कुछ दिन पहले ट्विटर पर “नरेंद्र मोदी इस्तीफा दो” ट्रेंड भी हुआ था। कुछ दिन पूर्व ट्विटर पर “नरेंद्र मोदी इस्तीफा दो” ट्रेंड भी हुआ था।

ये भी पढ़ें : मोदी की दरकती छवि

खतरनाक महामारी कोरोना की इस दूसरी लहर ने तो देश को जैसे घुटनों पर ही ला दिया है। अब कोरोना देश को कड़ी टक्कर दे रहा है। तो वहीं लगातार नए कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है, भारत मौत को भी नियंत्रण में लाने में विफल साबित हो रहा है इसलिए चिंता भी बढ़ गई है। कई राज्यों द्वारा लॉकडाउन का फैसला किया गया है। कुछ राज्यों ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। कई देशों द्वारा भी भारत के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अव्यवस्था और कोरोना काल में सरकार की विफलता से नाराज लोगों के आक्रोश के कारण ट्विटर पर हैशटैग ‘मोदीइस्तीफादो’ एक ट्रेंड बन रहा है।

इस हैशटैग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। तो वहीं मोदी के विरोधी और समर्थक एक-दूसरे के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। कई राजनीतिक नेताओं ने भी हैशटैग # ModiIstifado…’के साथ ट्वीट किया है।

https://twitter.com/TribalArmy/status/1390578852779499520

इससे पहले हैशटैग #ResignModi ट्रेंड कर रहा था। कुछ घंटों के भीतर, 2 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग की थी। देश में कोरोना महामारी के वीभत्स रूप और इससे निपटने में बदइंतजामी के चलते सरकार की काफ़ी किरकिरी हो रही है।

https://twitter.com/ArifAnsari78600/status/1389881931441922049

जन की बात नाम के एक यूजर ने लिखा, मोदीजी के समय में देश के लोगों की यह हालत है, जिन्होंने मोदीजी को देश का मुखिया बनाया, उन्ही लोगों को ठीक से देहाग्नि नहीं मिल रही है। रोता हुआ चेहरा! यदि आपने पिछले वर्ष पूरे देश की स्वास्थ्य प्रणाली और सही दवाओं की उपलब्धता पर ध्यान दिया होता, तो यह बात सामने नहीं आती। यह प्रमुख की एक बड़ी गलती है। ‘

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