[gtranslate]
Country

जानिए, क्यों लगाया गुजरात के लोकतंत्र टीवी पर कोर्ट ने बेन

हरियाणा के पानीपत में एक गांव है नोल्था । यहां अडानी ग्रुप ने सरकार के जरिए 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण कराई है । 100 एकड़ जमीन अधिग्रहण कराते समय अडानी ग्रुप ने ग्रामीणों से कहा था कि वह इस जमीन पर रेलवे का गोदाम बनाएंगे। लेकिन जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो कुछ और ही हकीकत सामने आई। दरअसल वहां रेलवे का गोदाम नहीं बल्कि अडानी का कृषि भंडारण केंद्र बन रहा था । इसका पता जब गांव के लोगों को चला तो उन्होंने इसका जमकर विरोध किया । यहां तक कि ग्राम प्रधान ने अडानी के इस कृषि भंडारण केंद्र के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी ।

ऐसा नहीं है कि मीडिया को इसका पता नहीं चला । लेकिन गोदी मीडिया इस मामले में रहस्यमय चुप्पी साधे रही। बहरहाल गोदी मीडिया ने इस तरफ से आँखे मूंद ली । लेकिन एक दिन इस मामले को लोकतंत्र टीवी ने उजागर कर दिया। लोकतंत्र टीवी चैनल को मुंबई निवासी विनय दुबे ने इस मामले से सम्बन्धित वीडियो फुटेज लोकतंत्र टीवी को उपलब्ध कराए। जिनके आधार पर टीवी चैनल ने यह न्यूज़ प्रसारित कर दी ।

इसी दौरान यह चर्चा बड़े जोरों से चली की अडानी ग्रुप हरियाणा में कृषि भंडारण केंद्र बना रहा है । जिसका कनेक्शन किसान आंदोलन से जोड़ा गया । देखते ही देखते किसान आंदोलन में लोकतंत्र टीवी चैनल की यह न्यूज़ वायरल जमकर हो गई । देशभर में फैली इस न्यूज़ से यह सच सामने आया कि अडानी ग्रुप सरकार से अपने कृषि भंडारण केंद्र के लिए जमीन अधिग्रहण करा रहा है । इसके बाद देशभर में अडानी के खिलाफ माहौल पैदा हुआ। हालांकि अडानी ग्रुप के खिलाफ माहौल पैदा करने में किसान आंदोलन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । लेकिन इसमें आग में घी डालने का काम लोकतंत्र टीवी ने किया।

इसके बाद गुजरात के अहमदाबाद में सिविल कोर्ट ने मुंबई के रहने वाले विनय दुबे और लोकतंत्र टीवी चैनल पर ना केवल मानहानि का केस लगा दिया बल्कि चैनल के प्रसारण पर रोक लगा दी। साथ ही 5 करोड़ की मानहानि भी की। अहमदाबाद की सिविल कोर्ट ने लोकतंत्र टीवी चैनल पर अडानी ग्रुप के लेख, वीडियो और ट्वीट प्रसारित करने पर पूरी तरह बैन कर दिया।

हाल ही में अर्णब गोस्वामी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसे सबने देखा किंतु इसी तरह से जेलों में बंद कई पत्रकारों के मामलों पर अदालत की नज़र कब होगी यह तो कोई नहीं कह सकता। बाकी जो हुआ और आगे होगा सबको दिखेगा। अर्णब के मामले में एक बात ख़ास रही कि देश के गृह मंत्री से लेकर बीजेपी शासित तमाम मुख्यमंत्री भी मीडिया की आज़ादी के बारे में गंभीर हो उठे थे, पर लोकतंत्र टीवी पर अदालत के फैसले के बारे में किसी को चिंताजनक हालत में नहीं देखा गया।

मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला कवर करते हुए, छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर सुरक्षा बलों की बर्बरता की कारवाई की रिपोर्टिंग करने पर पत्रकारों के साथ बीजेपी शासन में जो हुआ वह सबको पता है। कश्मीर में मीडिया की आज़ादी सब देख ही रहे हैं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD