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जानिए किन लोगों को लेना चाहिए कोरोना का टीका और किन्हें नहीं 

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर एक हफ्ते से लगातार बढ़ती ही जा रही है। अस्पतालों में  बेड , ऑक्सीजन और दवाइयों का अकाल पड़ गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए  देशभर में वैक्सीनेशन भी जोरों पर चल रहा है। अब तक 14 करोड़ 19 लाख से अधिक कोरोना के टीके लगाए जा चुके हैं।

फिलहाल 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है। एक मई से अब 18 से अधिक आयुवर्ग के सभी लोगों को कोरोना टीका लगना है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक  45 साल से अधिक उम्र के नौ करोड़ 79 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का पहला टीका और एक करोड़ से अधिक लोगों को दूसरा टीका लगाया जा चुका है और एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को भी वैक्सीन देने की शुरुआत की जा रही है। ऐसे में यह जान लेना बेहद ही जरूरी है कि किन लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगानी चाहिए और किन्हें नहीं ।

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर देश के लगभग सभी राज्यों में देखने को मिल रहा है। कहीं स्थिति नियंत्रण में है तो कहीं बेकाबू। कोरोना संक्रमण की इसी रफ्तार को कम करने के लिए कई राज्यों ने लॉकडाउन का भी ऐलान कर दिया है। लोगों को संक्रमण रोकने के सभी नियमों का पालन करने के लिए बार-बार कहा जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे के मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर ही कोरोना से जुड़ी कुछ मनगढ़ंत खबरें और अफवाह  भी तेजी से वायरल हैं, जिससे लोग भ्रमित हो रहे हैं।

भारत में फिलहाल लोगों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका ही लगाया जा रहा है। इन दोनों की तरफ से ही कुछ महीने पहले एक फैक्टशीट जारी किया गया था, जिसमें बताया गया था कि किन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।

 

कोवैक्सीन : 

कोवैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन है, जिसका निर्माण भारत बायोटेक ने किया है। कंपनी ने अपनी फैक्टशीट में बताया था कि अगर किसी व्यक्ति को वैक्सीन में इस्तेमाल होने वाले किसी विशेष घटक यानी सामग्री से एलर्जी है तो उन्हें ये वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। भारत बायोटेक द्वारा जारी फैक्टशीट के मुताबिक, अगर आपको कोवैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद रिएक्शन हो रहे हैं, दूसरी खुराक नहीं लेनी चाहिए और इस संबंध में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर आप कोरोना से संक्रमित हैं और तेज बुखार है, तो भी यह वैक्सीन न लें। जो लोग कोवैक्सीन की पहली डोज न लेकर किसी दूसरी वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं, उन्हें कोवैक्सीन की दूसरी डोज बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए बल्कि जिस वैक्सीन की पहली डोज ली है, दूसरी भी उसी की लेनी है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोवैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी गई है।

 कोविशील्ड :

कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी ने विकसित किया है और इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। कोविशील्ड के फैक्टशीट में भी वैक्सीन न लेने को लेकर कुछ उसी तरह की सलाह दी गई है, जिस तरह कोवैक्सीन की फैक्टशीट में दी गई है। यानी जिन लोगों को किसी विशेष घटक यानी सामग्री से एलर्जी है तो उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी यह वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी गई है।

दोनों कंपनियों की फैक्टशीट में यह बताया गया है कि अगर आप वैक्सीन लेने जा रहे हैं तो अपनी सेहत संबंधी सभी जानकारियां अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (हेल्थकेयर प्रोवाइडर) को दें, जैसे कि बुखार, एलर्जी की दिक्कत, अपनी मेडिकल कंडीशन या अगर आपने कोई और वैक्सीन ली है।  इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है, क्योंकि उनपर अभी वैक्सीन की टेस्टिंग नहीं की गई है।

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