[gtranslate]
Country

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार

पिछले कई दिनों से खालिस्तानी की मांग फिर तेज होती नज़र आ रही थी। जिसे देखते हुए अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी समर्थक ”वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को हिरासत में ले लिया है।

 

इससे पहले अमृतपाल के 6 साथियों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था उस दौरान अमृतपाल फरार हो गया था। पुलिस के घेराबंदी करते ही अमृतपाल गाड़ी में बैठकर लिंक रोड से होते हुए भाग गया। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस लगभग 100 गाड़ियों ने लगभग डेढ़ घंटा उसका पीछा करने के बाद जालंधर के नकोदर एरिया से दबोच लिया। हालांकि अभी अमृतपाल की गिरफ्तारी की आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं की गई है। अमृतपाल की गिरफ्तारी के कारण हंगामा खड़ा न हो इसे लेकर पंजाब के कई जिलों में रविवार दोपहर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

 

क्या है अजनाला पुलिस थाने का मामला

 

पिछले महीने अमृतपाल के साथी तूफान सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ एक युवक का अपहरण कर उसे बुरी तरह पीटने का मामला दर्ज किया गया था। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले एक युवक का अपहरण कर उसे बुरी तरह पीटा था। जिसके बाद पीड़ित के एफआईआर दर्ज कराने पर तूफान को गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल भड़क गया और उसने अजनाला थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी से रिहा करने की घोषणा की थी। लेकिन पुलिस ने जब उसकी यह मांग नहीं मानी तो अमृतपाल ने अपने हथियारबंद समर्थकों ने पंजाब में स्थित अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। शुरुआत में पुलिस इस मामले पर एकदम शांत नजर आ रही थी। प्रदर्शन को बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा के लिए बेरिकेड्स लगाए गए थे। जब खालिस्तान समर्थक उन बेरिकेड्स को तोड़कर अंदर जाने में असमर्थ हुए तब खुद अमृतपाल वहां श्रीगुरु ग्रंथ साहिब जी का पावन स्वरूप के साथ मैदान में आया। जिसे देखकर पुलिस वाले ठिठक गए। उन्होंने अमृतपाल व प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी ना हो जाए इसलिए रास्ते से किनारे होते गए। पोलिस स्टेशन के अंदर आकर उसने खुले में खालिस्तान की मांग कर दी और न सिर्फ पुलिस अधिकारियों पर हमला कर उन्हें धमकी दी बल्कि गृह मंत्री अमित शाह तक को धमकी दे डाली। उसका कहना है कि जब हिन्दू समुदाय हिन्दू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन को घेरकर पुलिस अधिकारीयों पर गोलियों व तलवारों से हमला कर दिया जिसमें कई पुलिस अधिकारी जख्मी हो गए। बाद में बढ़ते हमले को देखते हुए पुलिस उनके साथी को रिहा करने पर मजबूर हो गई। घटना के बाद ठाणे के डीजीपी ने कहा था कि इस घटना के लिए शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही घटना में जो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।

You may also like

MERA DDDD DDD DD