प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी के आग्रह पर सीएम की लगी मोहर, अब 1 दिन की छुट्टी मिलेगी हफ्ते में पुलिस बल को
उत्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या के दबाव और विशेष तौर पर त्योहरों व कई तरह के आयोजनों के दौरान पुलिसकर्मियो के लिए शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना बेहद तनावपूर्ण काम होता है। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में पुलिस में काम कर रहे महिला व पुरुषकर्मी साप्ताहिक अवकाश के दौरान भी तनाव मे रहते हैं।
एक निश्चित साप्ताहिक अवकाश के बगैर काम कर रहे इन उत्तर प्रदेश के इन पुलिसकर्मियों की सामाजिक और व्यक्तिगत जिंदगी भी प्रभावित होती है। इसके चलते वो काम के दौरान अधिक तनाव में भी रहते हैं। एक सुनिश्चित समय पर साप्ताहिक अवकाश न मिलने वे अधिक तनाव में रहते हैं और ये चक्र बना रहता है।
जगजाहिर है कि इस तनाव का असर इन पुलिसकर्मियों का आम व्यक्ति के प्रति व्यवहार में भी दिखाई देता है। कई बार पुलिस में काम कर रहे महिला व पुरुष कर्मियों के पास कोई विकल्प नहीं होता है। उन्हें कई बार 11 से 14 घंटे की लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ता है। वो इन लंबी शिफ्टों में बिना किसी शिकायत के काम करते हैं और उन्हें आगे सुनिश्चित साप्ताहिक अवकाश मिलने की उम्मीद भी नहीं होती थी।
उम्मीद जाहिर की जा रही थी कि यदि इन पुलिसकर्मियों को सुनिश्चित समय पर साप्ताहिक अवकाश मिलता है तो इनके काफी राहत मिलेगी। साथ ही इनके काम की गुणवत्ता में भी काफी सुधार आएगा। वे अपने परिवार व प्रियजनों के साथ अधिक समय बिता पाएंगे। अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भी इस समय का उपयोग कर सकेंगे। साथ ही पुलुसकर्मियो का वह तनाव भी अब कम होगा जिसमे उनको अवकाश ना मिलने पर मानसिक आघात से गुजरना पड़ता था।
यही नहीं बल्कि कई पुलिसकर्मी अवकाश ना मिलने पर खतरनाक कदम भी उठा लेते थे। इसके चलते उत्तर प्रदेश में कई जवान अपनी इहलीला भी समाप्त कर चुके है।