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केरल सरकार ने की समान शिक्षा देने की पहल

केरल में लड़के और लड़कियों के लिए सामान अधिकार और समान शिक्षा देने की पहल के चलते अहम कदम उठाया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस ऐतिहासिक आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से राज्य में केवल सह-शिक्षा संस्थान होने चाहिए। आयोग ने कहा कि इन सभी स्कूलों को को -एड या मिश्रित स्कूलों में तब्दील किया जाना चाहिए।

राज्य बाल अधिकार आयोग ने सामान्य शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, सामान्य शिक्षा निदेशक और एससीईआरटी के निदेशक को भी आदेश को लागू करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं तीन शीर्ष अधिकारियों को उन विधालयों में महिला शौचालय सहित बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए भी कहा गया है, जिन्हें सह-शिक्षा स्कूल में परिवर्तित किया जाएगा। केरल के एक नागरिक द्वारा दायर याचिका के आधार पर, पीठ ने प्रमुख सचिव, समान शिक्षा और सार्वजनिक शिक्षा निदेशकों और केरल शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को इस संबंध में एक कार्य योजना बनाने का भी आदेश दिया है।आदेश के मुताबिक, 90 दिनों के भीतर सह-शिक्षा प्रणाली के कार्यान्वयन पर एक विस्तृत रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जानी है।

सह-शिक्षा के लिए माता-पिता को किया जाएगा जागरूक


राज्य बाल अधिकार आयोग के आदेश में यह भी गया है, ‘प्रदेश में लड़कियों और लड़कों के लिए विशेष विद्यालय को बंद करने और शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से केरल में कार्यरत सभी शिक्षा संस्थानों में सह-शिक्षा लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए।’ इतना ही नहीं सह-शिक्षा प्रणाली को लागू करने के अलावा, ऐसे विद्यालयों में भौतिक परिस्थितियों और महिला शौचालय सहित बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए। इसके साथ बच्चों के माता-पिता को सह-शिक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।एक रिपोर्ट के मुताबिक,केरल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल 280 बालिका विद्यालय और 164 बालक विद्यालय हैं।

देश की सबसे विकसित शैक्षणिक प्रणालियों में से एक केरल में है। यंहा साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से बहुत अच्छी है। 6 से 11 वर्ष के बीच प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य है। यहाँ प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय, पॉलिटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कला, विज्ञान और व्यावसायिक महाविद्यालय हैं। केरल में केरल विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय और श्री चित्र थिरूनाल इंस्टिट्यूट फ़ॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोकलॉजी अवस्थित हैं। क्न्नुर, कोट्टयम, कोषिकोड, त्रिशूर, आलप्पुषा और तिरूवनंतपुरम में मेडिकल कॉलेज हैं। ओल्लूर, कोट्टाकाल, त्रिपुनिथुरा और तिरूवनंतपुरम में आयुर्वेदिक कॉलेज और कोषिकोड में एक डेंटल कॉलेज स्थित है। कोषिकोड, आलप्पुषा, अडूर, कासरगोड, कोच्चि, कोल्लम, कन्नूर, त्रिशूर, कोट्टयम, एर्णाकुलम, पलक्काड़ और तिरूवनंतपुरम में इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा है। कारख़ाना मज़दूरों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य बीमा योजना और कई अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और औषधालयों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा जैसे उदाहरण मिलते हैं।

 

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