केरल में एक बार फिर राज्यपाल और लेफ्ट की सरकार के बीच तनाव पैदा हो गया है। यह तनाव दोनों के बीच विधानसभा सत्र को बुलाए जाने को लेकर आया है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्रिमड़ल की सत्र बुलाने वाली सिफारिश को खारिज कर दिया है। पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ़ की सरकार के मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि क़ानून को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए सिफ़ारिश राज्यपाल के पास भेजी। सत्र दिसंबर की 23 तारीख़ को बुलाये जाने की बात कही गयी थी जिसमें इन तीनों बिलों पर चर्चा होनी थी। पंरतु मंत्रिमड़ल के इस प्रस्ताव पर राज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगा, और राज्यपाल ने कहा कि विशेष सत्र को बुलाने को लेकर इतनी जल्दी क्या है।
सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल के सवाल पर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट भी की लेकिन वो सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने विशेष सत्र के लिए अपनी सहमति नहीं दी। जब प्रस्ताव राज्यपाल के पास पहुंचा तो उसी समय राज्य के वित्त मंत्री थॉमस आईजैक ने ट्वीट करके कहा कि “केरल कैबिनेट ने विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा और उसे रद्द करने के लिए निर्धारित बजट सत्र से पहले 23 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया। किसान संघर्ष के साथ केरल सरकार पूरी एकजुटता के साथ खड़ी हुई है।” इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया और कहा कि “दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के राज्यपाल ने विधानसभा बुलाने के लिए मंत्रिमंडल की सिफारिश को अस्वीकार किया है। पक्ष में एकमात्र भाजपा सदस्य के अलावा अन्य सभी विधायक कृषि कानूनों के खिलाफ है।
इससे पहले भी केरल में राज्यपाल और सरकार के बीच पेंच फंस गया था, जब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के दवारा सीएए और एनआरसी कानून को खारिज करने का प्रस्ताव पारित किया था। कुछ ऐसा ही इस बार देखने को मिल रहा है लेकिन इस बार राज्यपाल ने विशेष सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी। वहीं एलडीएफ को राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस का किसान के मुद्दे पर समर्थन हासिल है। वहीं राज्य में एक सीट हासिल करने वाली बीजेपी सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है। राज्य में बीजेपी के अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने एक बयान जारी कर कहा है कि जब क़ानून संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके हैं और जब राष्ट्रपति ने इनका अनुमोदन भी कर दिया है, ऐसे में कृषि बिलों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना असंवैधानिक है। राज्य के कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार ने राज्यपाल के दवारा विशेष सत्र के प्रस्ताव को खारिज करने को अलोकतांत्रिक कहा है।