आम आदमी पार्टी के सयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को अपना नामांकन दाखिल करने के लिए मंगलवार को 7 घंटे का इंतजार करना पड़ा। उन्हें 45 नंबर का टोकन मिला। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पर्चा दाखिल करने का इंतजार कर रहा हूं। मेरा टोकन नंबर 45 है। यहां पर्चा भरने के लिए कई लोग लाइन में लगे हैं। मुझे बहुत खुशी है कि लोकतंत्र के इस पर्व में कई लोग शिरकत कर रहे हैं।
Waiting to file my nomination. My token no is 45. There are many people here to file nomination papers. Am so glad so many people participating in democracy.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 21, 2020
नमांकन के दौरान भरी संख्या में डीटीसी के कर्मचारी भी आए थे जो केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे थे। दरअसल, डीटीसी के करीब 250 कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को 2018 में कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था। इनमें से 30 उम्मीदवारों ने मंगलवार को केजरीवाल के खिलाफ नामांकन दाखिल किया।
नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल करने के दौरान केजरीवाल ने अपने एफिडेविट में संपत्ति का जो ब्योरा दिया है उसमें पिछले 5 साल में 1.3 करोड़ का वृद्धि दिखाया है। एफिडेविट के मुताबिक, सीएम केजरीवाल के पास फिलहाल 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति है जो पिछली बार की तुलना में 1.3 करोड़ रुपये ज्यादा है।
वहीं उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के पास 2015 में नकदी और एफडी मिलाकर 15 लाख रुपये की संपत्ति थी जो 2020 में बढ़कर 57 लाख रुपये हो गई है। खबरों के मुताबिक, सेवानिवृत्ति लाभ के तौर पर सुनीता केजरीवाल को 32 लाख रुपये और एफडी मिले हैं और बाकि उनका बचत किया हुआ धन है।
दूसरी तरफ 16 जनवरी को उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से नामांकन किया। उन्होंने अपने एफिडेविट में बताया है कि उनके पास अभी भी कोई कार नहीं है। साल 2015 में उनके पास एक कार थी। पिछले 5 साल में उनकी संपत्ति में 17 हजार की कमी आई है।
उनके पास 2018-2019 में 4,74,888 रुपये की चल संपत्ति थी। वहीं कुल चल सम्पति 4,92,624 रूपये थी। अगर उनकी पत्नी की बात करें तो उनके पास अचल संपत्ति 2015 में 20 लाख रुपए की थी। इस बार सिसोदिया की पत्नी का अचल संपत्ति 65 लाख रुपये बताया गया है।