आम आदमी पार्टी ( आप ) एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो गई है । एक बार फिर से आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल जीत की हैट्रिक लगाते हुए मुख्यमंत्री बन जायेंगे । लेकिन इस बार की प्रचंड जीत केजरीवाल के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक में जाने के द्वार खोल रही है । जिसके केजरीवाल ने आज संकेत भी दे दिए हैं। आज से केजरीवाल ने राष्ट्र निर्माण का नया कैंपेन भी शुरू किया है।
यह सर्वविदित है कि केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ , पिछले 5 सालों में अकेले अरविंद केजरीवाल ही विपक्ष के ऐसे नेता बनकर उभरे हैं, जो विधानसभा चुनावों में अपना अस्तित्व बहुत मजबूती के साथ बनाए रखने में कामयाब हुए हैं । उनकी हेट्रिक इस बात की गवाह है। जबकि विपक्ष के अन्य दिग्गज नेता अपने राज्यों में अपने अस्तित्व को बचाने में नाकामयाब रहे हैं ।
ऐसे में अपनी इस प्रचंड जीत के साथ केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजनीति में मजबूती के साथ विपक्ष का चेहरा बनने के लिए अपना रास्ता तैयार कर लिया है । आने वाले दिनों में केजरीवाल के राष्ट्रीय राजनीति में दखल के कयास , इस बात से और पुष्ट हो जाते हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी ने आज अपना नया कैंपेन ”राष्ट्र निर्माण” शुरू किया है । इस कैंपेन के तहत उन्होंने देश की जनता से आम आदमी पार्टी से जुड़ने का आह्वान किया है ।
अगर मोदी सरकार के खिलाफ बने महागठबंधन पर नजर डालें तो सामने आता है कि उस गठंबधन में केजरीवाल के अलावा मात्र एक ही नेता मजबूती के साथ खड़ी नजर आ रही है । यह कोई और नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं , हालांकि लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में भाजपा के दमदार प्रदर्शन ने उनकी भी नींव हिला दी थी । आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं , लेकिन इस बार वहां के हालात बदले नजर आएंगे । अब भले ही ममता बनर्जी को विपक्ष का मुख्य चेहरा बनने के लिए बंगाल के विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत दर्ज करनी होगी , लेकिन हालिया दौर में तो केजरीवाल ने दिल्ली में प्रचंड बहुमत पाते हुए , साफ कर दिया है कि वह आने वाले दिनों में विपक्ष का चेहरा बनकर मजबूती से सामने आएंगे ।
असल में पिछले कुछ सालों में कई विधानसभा चुनावों में भाजपा ने एक किनारे से शुरू करते हुए राज्यों में अपनी सरकार बनानी शुरू कर दी थी । उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार हो , हरियाणा की भुपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार , या यूपी की अखिलेश यादव सरकार , या बिहार की लालू-नीतीश सरकार । कई प्रदेशों में भाजपा ने अपना डंका बजाया था।
भाजपा ने उत्तर भारत के साथ ही नार्थ ईस्ट और देश के अन्य हिस्सों में भी बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि पिछले दिनों उन्हें राजस्थान , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , झारखंड और महाराष्ट्र में अपनी सरकार खोई है, लेकिन इन राज्यों से कोई भी एक ऐसा नेता उभरकर सामने नहीं आया है , जो विपक्ष का चेहरा बन सके । ऐसे में केजरीवाल के पास राष्ट्रीय राजनीति में आने और विपक्ष का अहम चेहरा बनने का मौका है । इसके मद्देनजर ही उन्होंने राष्ट्रीय कैंपेन शुरू किया है।