अरविंद केजरीवाल ने रविवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में जुटे लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ की। भाषण के दौरान केजरीवाल ने कहा कि ये उनकी नहीं, दिल्ली की जीत है, हर दिल्ली वाले की जीत है। हर माँ, हर बहन की और दिल्ली के एक-एक परिवार की जीत है।
उन्होंने कहा, “पिछले पांच साल में हमारी कोशिश यही रही है कि दिल्ली का विकास तेज़ी से हो। आने वाले पांच सालों में और उसके आगे भी दिल्ली का विकास ऐसे ही होता रहेगा।” इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि उन्हें किसी ने वोट दिया हो या नहीं, वो हर किसी के मुख्यमंत्री हैं। किसी पार्टी को देखकर वो भेदभाव नहीं करते। उन्होंने आगे कहा, “चुनाव के वक़्त जो बातें हुईं, वो अब बीत गईं। हमारे विरोधियों ने जो कुछ हमारे बारे में कहा, हमने उन्हें माफ़ कर दिया। अब मैं सभी पार्टियों के साथ मिलकर, केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहता हूं।”
मै अरविंद केजरीवाल ईश्वर की शपथ लेता हूँ… pic.twitter.com/KWbNddwQ2T
— AAP (@AamAadmiParty) February 16, 2020
फिर उन्होंने कहा, ”जो लोग सवाल उठाते हैं कि केजरीवाल सब कुछ मुफ़्त बांट रहा है उन पर लानत है। मैं अपनी दिल्ली के लोगों के पढ़ाई, इलाज के लिए पैसे नहीं ले सकता।” भाषण के अंत में अरविंद केजरीवाल ने ‘हम होंगे कामयाब…’ गाना गाया। केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने का आग्रह किया था। बड़ी संख्या में लोग शपथ समारोह में शामिल भी हुए। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी सातों सांसदों, निगम पार्षद और बीजेपी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को भी न्योता भेजा था। साथ ही देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता दिया गया था। लेकिन अपने वाराणसी दौरे के कारण वह नहीं पहुंच पाए। हालांकि, केजरीवाल ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को न्योता नहीं भेजा था।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: I had sent an invitation to Prime Minister Narendra Modi ji for this event. He could not come maybe he is busy at some other event. But through this platform, I want to take blessings from PMji¢ral govt to develop Delhi&take it forward. pic.twitter.com/QNgjNUZk7F
— ANI (@ANI) February 16, 2020
केजरीवाल ने अपनी पिछली सरकार की कैबिनेट पर ही भरोसा जताया और उसे ही बरकरार रखा। उन्होंने उन्हीं मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में जगह दी। जिन्हें पहले भी मंत्री पद मिल चुके है। अरविंद केजरीवाल के शपथ लेने के बाद मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम ने भी मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन इस बार कैबिनेट में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया है।
पुरानी कैबिनेट पर जताया विश्वास
मनीष सिसोदिया के पास पिछली सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद के अलावा शिक्षा, वित्त, योजना और पर्यटन विभाग सहित अन्य कई विभाग थे। पटपड़गंज से विधायक सिसोदिया 47 वर्ष के हैं। उनकी कुल संपत्ति 93 लाख है। वह 2013 में भी आम आदमी पार्टी में मंत्री रह चुके हैं। सिसोदिया ने अपने हलफनामे में बताया था कि उन्होंने 1993 में भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक पत्रकारिता भी की। वह दिल्ली से लगातार तीसरी बार जीतकर विधायक बने हैं।
इमरान हुसैन के पास पिछली सरकार में खाघ और आपूर्ति विभाग का जिम्मा था। इनसे पर्यावरण विभाग लेकर कैलाश गहलोत को दे दिया गया था। इमरान हुसैन बल्लीमरान सीट से आप उम्मीदवार थे। उन्होंने अपने हलफनामे में 1.41 करोड़ रुपये की घोषणा की है। 38 साल के इमरान हुसैन ने 2005 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बैचलर ऑफ़ स्टडी का की डिग्री प्राप्त की है।
कैलाश गहलोत नजफगढ़ से दूसरी बार विधायक बने हैं। पिछली सरकार में वह परिवहन और पर्यावरण मंत्री के पद पर थे। आम आदमी पार्टी में वह सबसे अमीर मंत्री हैं। उनकी संपत्ति 46.07 करोड़ रुपये है। 2002 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यायल के विधि संकाय से एलएलबी की डिग्री हासिल की है। पिछली बार गोपाल राय को पास परिवहन और अन्य विभाग सौपा गया था। लेकिन बाद में उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया था। वे 2013 में बाबरपुर से चुनाव हार गए थे। 44 वर्षीय राय के पास कुल 90.01 है। उन्होंने 1998 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में एमए किया है।
आम आदमी पार्टी में सत्येंद्र जैन को पिछली दोनों सरकार में स्वास्थय विभाग दिया गया था। लोक निर्माण, शहरी विकास विभाग भी इन्हीं के पास था। 55 साल के सत्येंद्र शकूरबस्ती से विधायक हैं। उन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति 8.07 करोड़ रुपये बताई है। साल 1991 में उन्होंने ‘एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ़ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ आकटेक्ट बाई एक्जामिशेन’ किया है।
दिल्ली में सभी पार्टियों को पीछे छोड़, बनी केजरीवाल सरकार
दिल्ली विधानसभा आठ फरवरी को हुए और चुनाव के नतीज़े 11 फरवरी को आए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली हैं और बीजेपी के खाते में आठ सीटें आई। साल 2015 की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल पाई। साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद फ़रवरी 2015 में हुए चुनाव में 70 में 67 सीटें जीती थीं और तीन सीटें बीजेपी को मिली थीं। इन चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट हाथ नहीं लगी थी।