जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक और एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने सोमवार की सुबह चार और आतंकवादियों को मार गिराया है। शोपियां जिले 24 घंटे में कुल नौ आतंकियों को ढेर किया गया। दूसरी ओर रविवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष कमांडर समेत पांच आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया था।
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया था कि विशेष सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के रेबन इलाके में तलाशी अभियान के लिए घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि तलाशी के दौरान छुपे हुए आतंकवादियों ने खोजी दस्ते पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए।
#UPDATE Four terrorists have been killed in the ongoing encounter in Pinjora area of Shopian district. Police and security forces are carrying out the operation. More details awaited: Jammu & Kashmir Police https://t.co/vgSdgWb49c
— ANI (@ANI) June 8, 2020
सोमवार को हुए शोपियां मुठभेड़ को लेकर जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, “कल और आज किए गए अभियानों में हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकवादी मारे गए हैं। पिछले दो हफ्तों में, 9 बड़े ऑपरेशन किए गए, जिसमें 22 आतंकवादियों का खात्मा किया गया है। जिनमें आतंकी संगठनों के छह शीर्ष कमांडर शामिल हैं।”
वहीं लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा है कि उत्तरी कश्मीर में हिंसा की हालिया घटनाएं आतंकवादियों की हताशा का संकेत है, जिन्हें लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की अवाम हिंसा के चक्र से बाहर निकलकर शांति चाहती है। आतंकी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में इस साल भारी कमी आई है। उन्हें लगता है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का मूल उद्देश्य सनसनी पैदा करना है, जिसे झूठे अलगावावादी विमर्श और पाकिस्तान से प्रायोजित दुष्प्रचार से समर्थन मिलता है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवाद की ये गतिविधियां अवाम के बीच ज्यादा समर्थन नहीं पा रही हैं, बिना तालमेल वाली हिंसक गतिविधियां आतंकियों की हताशा का संकेत हैं। आतंकवादी समूहों में स्थानीय युवाओं की भर्ती वर्ष 2018 और 2019 में करीब आधी हो गई और 2020 में और कम हो गई।
आतंकी कैडर अपना अस्तित्व बचाने की मुद्रा में आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने इससे पहले कहा था कि वर्ष 2018 में 218 स्थानीय युवा आतंकी समूह में भर्ती हुए, जबकि वर्ष 2019 में 139 युवा भर्ती हुए थे। बता दें कि बीते दो महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है। इस अवधि में हुए आतंकी हमलों में कम से कम 30 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। वहीं, 47 आतंकवादी मारे गए।