कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में लॉकडाउन आज यानी कि 14 जून को ख़त्म हो रहा है। लेकिन कोविड मामलों की बात करें तो वहां के हालात अभी भी गम्भीर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरपा ने पिछले गुरुवार को यह ऐलान किया था कि वे स्थिति को देखते हुए लॉक डाउन बढ़ा भी सकते हैं।
उन्होंने था कि फिलहाल यह प्रतिबंध 14 जून की सुबह 6 बजे तक लागू रहेंगे। सीएम येदियुरप्पा के मुताबिक़, गांवों में कोरोना के मामलों की संख्या काफी है और लॉकडाउन में रियायत देने के बारे में सोचसमझकर निर्णय किए जाने की जरूरत है।
मैसूर शहर बना सिटी ऑफ पैलेस से सिटी ऑफ पैन्डेमिक
कर्नाटक के मैसूर शहर की स्थिति काफ़ी डराने वाली है। मैसूर शहर जिसे सिटी ऑफ पैलेस कहा जाता है वह अब सिटी ऑफ पेन्डेमिक बन कर भयभीत कर रहा है।स्थिति इतनी ख़राब है कि एक आंकड़े के अनुसार वहां प्रतिदिन 1500 से 2000 मामले कोविड – 19 के सामने आ रहे हैं।
राज्य की कोविड टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी ने सरकार से एक रिपोर्ट में कहा था कि पॉजिटिविटी रेट पांच फीसदी से नीचे आने और रोजाना केसों की संख्या पांच हजार से कम आने की स्थिति में ही प्रतिबंधों में रियायत देना ठीक रहेगा।
Read Also: श्रीराम के नाम पर धन की लूट !
कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हैं सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य
रिपोर्ट के अनुसार अभी भी कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र इस समय कोरोना के देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में हैं।कर्नाटक में तो इस समय कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या दो लाख 93 हजार के आसपास बल्कि इससे काफ़ी अधिक पहुँच चुकी है। इसी तरह तमिलनाडु में कोरोना के दो लाख 88 हजार के करीब केस हैं जबकि महाराष्ट्र में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या में कमी आई है लेकिन राज्य में अभी भी कोरोना के दो लाख 18 हजार के आसपास एक्टिव केस हैं।
कर्नाटक में अब तक कोरोना संक्रमण के 26 लाख 35 हजार 122 केस दर्ज किए जा चुके हैं। राज्य में कोरोना के कारण अब तक 30 हजार लोगों को जान गंवानी पड़ी है। ऐसे में राज्य सरकार के साथ साथ केन्द्र सरकार के सामने भी अभी यह बड़ी चुनौती है कि दक्षिण राज्यों में कोरोना के केसों को कैसे कम किया जाए।