हरिद्वार की राजनीति में भाजपा के दो विधायकों में यूं तो 36 का आंकड़ा रहा है । लेकिन दोनों ही विधायक आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहते ।अभी 2 दिन पूर्व ही एक विधायक देशराज कर्णवाल पर जब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और नोटिस भेजा तो उनको एक बार फिर लड़ाई याद आई ।
मजे की बात यह है कि भाजपा के एक पूर्व और वर्तमान विधायक में यह लड़ाई 8 माह बाद पहले हुई थी । जब यह दोनों विधायक नेहरू स्टेडियम में मिले थे । तब एक विधायक ने कथित तौर पर चीरने फाड़ने जैसी बातें कही थी । चीरने फाड़ने बोलने का आरोप खानपुर से विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन पर लगा । उत्तराखंड की राजनीति में चैंपियन को गोलीमार विधायक कहा जाता है । अब यह गोली मार विधायक एक बार फिर चर्चाओं में है । चर्चा वही पुरानी है । लेकिन इसमें ट्विस्ट यह है कि 8 माह पूर्व यानी कि 13 अप्रैल को हरिद्वार के नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान दोनों विधायकों का आमना – सामना हुआ था । जहां अपने स्वभाव के मुताबिक चैंपियन ने झबरेडा के विधायक देशराज कर्णवाल को देख लेने की धमकी दे डाली ।
तब तो यह शायद कर्णवाल को नागवार नही लगी थी ,क्योंकि तब उन्होंने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की थी। लेकिन अब जब कर्णवाल पर हाई कोर्ट का कानूनी नोटिस आ गया है और उन्हें जाति मामले में 3 सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखना है तो ऐसे में उन्हें अपने पुराने बैर याद आ गए । यानी कि 13 अप्रैल को जो कहासुनी हुई उसको लेकर कर्णवाल ने अब चैम्पियन और उनकी पत्नी रानी देवरानी पर एससी – एसटी सहित चीरने फाडने की धमकी देने का सिविल लाइन कोतवाली में मामला दर्ज कराया है ।
उत्तराखंड में भाजपा के दो विधायको में महीनों से तनातनी चली आ रही थी। खानपुर के विधायक कुवर प्रणव चैम्पियन और झबरेडा के विधायक देशराज कर्णवाल अक्सर एक दुसरे से भिडते रहे है। मामला कर्णवाल की जाति प्रमाण पत्र को लेकर रहा। इसी प्रकरण में दो दिन पूर्व झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विधायक देशराज कर्णवाल को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है की हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कर्णवाल का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षित क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। याचिका में विधायक के प्रमाण पत्र की जांच की मांग की गई थी। साथ ही याचिका में ये भी कहा है कि देशराज कर्णवाल उत्तर प्रदेश के देवबंद (सहारनपुर) के निवासी हैं। लिहाजा, उनको यहां का जाति प्रमाण पत्र कैसे मिल गया।
जिसमें हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र के लिए एक कमेटी बनाने के आदेश दिए थे। कमेटी ने देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र को सही माना था। कमेटी के रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने विपिन तोमर कि याचिका खारिज़ की थी।
अब इस मामले में फिर से रुड़की निवासी ईश्वर पाल सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर कर जातीय स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को ही चुनौती दी है । जिसमें देशराज कर्णवाल को जाति प्रमाण पत्र मामले पर नोटिस दिया गया है ।