हमें जब भी किसी विषय में कोई जानकारी चाहिए होती है तो हम लोग Google पर सर्च करते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन वेबसाइट गूगल भले ही समय-समय पर जानकारी अपडेट करती रहती हो। लेकिन गूगल से भी बड़ी-बड़ी गलतियां हुई हैं। इसी कड़ी में हाल ही में Google के खोज इंजन के अनुसार कन्नड़ देश में सबसे खराब (अगलिएस्ट) भाषा बताई गई है। जिस पर कर्नाटक सरकार ने गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी तक दे थी। जिसके बाद मामला कोर्ट तक चला गया था। हालांकि सुनवाई के दौरान Google ने असुविधा के लिए खेद व्यक्त कर माफी मांग ली है। साथ ही अब अदालत ने फैसला सुनाया कि याचिका वापस ले ली गई है।
गूगल द्वारा कहा गया है, “हम जानते हैं कि यह आदर्श नहीं है, लेकिन जब हम किसी मुद्दे से अवगत होते हैं और अपने एल्गोरिदम को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे होते हैं, तो हम तेजी से सुधारात्मक कार्रवाई करते हैं। मगर स्वाभाविक रूप से यह गूगल की राय को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। फिर भी हम गलतफहमी और किसी भी भावनाओं को आहत करने के लिए क्षमा चाहते हैं।”
क्या था मामला ?
दरअसल, गूगल इन्फो पेज का स्क्रीनशॉट जून में वायरल हुआ था। भारत में सबसे खराब भाषा कौन सी है? ऐसे ही एक प्रश्न का उत्तर कन्नड़ था। मामला गरमाने के बाद कर्नाटक सरकार ने गूगल को सूचित किया और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई। इस संबंध में Google ने तत्काल कार्रवाई की और संबंधित सूचना पृष्ठ को हटा दिया गया।
इस बीच एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट ने मामले में गूगल के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान गूगल ने असुविधा के लिए खेद जताया। उस समय इस मामले में जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सचिन शंकर मगदम ने फैसला सुनाया था। दो सदस्यीय पीठ ने कहा, “गूगल इंडिया ने इस मामले में माफी मांगी है। साथ ही आश्वासन दिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। इसलिए याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने इस संबंध में याचिका वापस लेने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया है। इसलिए हम इस जनहित याचिका को रद्द करने का फैसला कर रहे हैं।”
कर्नाटक के कन्नड़, संस्कृति और वन मंत्री अरविंद लिंबावली ने गूगल द्वारा की गई गलती पर कहा कि कन्नड़ भाषा का अपना इतिहास है और यह करीब 2500 साल पहले अस्तित्व में आई थी। मंत्री ने कहा कि यह भाषा सदियों से कन्नड़ लोगों का गौरव रही है।
Google पर सर्च करने पर ऐसे दिखती है जानकारी
यदि आप Google पर किसी भी प्रकार की जानकारी खोजते हैं, तो Google आपको उन साइटों की सूची प्रस्तुत करता है जहां इसका उल्लेख किया गया है। इसलिए कन्नड़ भाषा के बारे में जानकारी Google की नहीं है, बल्कि अन्य वेबसाइटों पर इसका उल्लेख है।
गूगल की गलतियों की है लंबी लिस्ट !
गूगल की कन्नड़ भाषा को भारत की सबसे ख़राब भाषा बताना कोई पहली गलती नहीं है। इससे पहले भी गूगल सर्च पर पाई गलतियों से लोग हैरान परेशान हुए हैं। आइये जानते हैं कुछ इसी तरह के मामले-
दुनिया के सबसे बेवकूफ प्रधानमंत्री हैं मोदी !
वर्ष 2015 के मध्य में गूगल सर्च पर जब कोई सर्च करता था कि दुनिया का सबसे बेवकूफ प्रधानमंत्री कौन है ? जो गूगल सर्च रिजल्ट्स में वर्तमान पीएम का नाम यानी नरेंद्र मोदी आता था। कई बार मीडिया में ख़बरें छपी लेकिन बावजूद इसके गूगल ने कोई बदलाव नहीं किया। अंततः जुलाई 2016 में भारत सरकार की ओर से गूगल को नोटिस भेजा गया। तब जाकर गूगल ने गलती को ठीक किया। गूगल ने दूसरी गलती भी पीएम मोदी को लेकर की थी। जिसमें टॉप 10 क्रिमिनल्स के सर्च रिजल्ट्स में भी प्रधानमंत्री का नाम नजर आता था।
गूगल फोटोज के इमेज रिकग्निशन सॉफ्टवेयर की गलती की वजह से गूगल पर नस्लभेद करने का आरोप भी लगा है। असल में गूगल फोटोज में दो अफ्रीकन-अमरीकन लोगों की फोटो का लेबल गोरिल्ला बताया गया था। बवाल होने के बाद गूगल को इस गलती के लिए माफी मांगनी पड़ी है।
हाल ही में गूगल फोटोज में दिखाई दिए दो अफ्रीकन-अमेरिकन को इमेज रिकग्निशन ने गोरिल्ला का लेबल दिया था। इस नस्लभेदी लेवल की जानकारी ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क के रहने वाले प्रोग्रामर जैकी एलसिने ने सोशल मीडिया पर दी। ट्विटर पर पोस्ट करके उसने सीधे गूगल को भी इस बड़ी गलती के बारे में बताया। गूगल ने इस इश्यू पर तुरंत कार्रवाही की और गलती को ठीक किया।