नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अभी राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। अयोध्या का विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में उन पर मुकदमा चल सकता है। राजस्थान के राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, उसके बाद उन पर मुकदमा चलाने की संवैधानिक बंदिश नहीं रह जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बताया कि राजस्थान के नए राज्यपाल के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र को नामित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप को फिर से बहाल करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि 1992 में विवादित ढांचा गिराये जाने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है।
हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह को राज्यपाल पद से हटने के तुरंत बाद आरोपी के तौर पर पेश करने के लिए कहा था। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को उनके कार्यकाल के दौरान आपराधिक तथा दीवानी मामलों से छूट प्रदान की गई है। इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती। राज्यपाल के रूप में सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया है तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है, बशर्ते कि सरकार उन्हें किसी अन्य संवैधानिक पद पर नियुक्त न कर कल्याण सिंह को तीन सितंबर 2014 को 5 साल के कार्यकाल के लिए राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
कल्याण सिंह के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे के मुताबिक, सिंह ने यूपी का सीएम रहे हुए राष्ट्रीय एकता परिषद को आश्वासन दिया था कि वह विवादित ढांचे को ढहाने नहीं देंगे और सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल पर केवल सांकेतिक ‘कार सेवा’ की अनुमति दी थी। वर्ष 1993 में उनके खिलाफ सीबीआई के आरोपपत्र के बाद 1997 में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने एक आदेश में कहा था, कल्याण सिंह ने यह भी कहा था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि ढांचा पूरी तरह सुरक्षित रहे और उसे ढहाया न जाए, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर अपने वादों के विपरीत काम किया। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया था कि सिंह ने मुख्यमंत्री के तौर पर केंद्रीय बल का इस्तेमाल करने का आदेश नहीं दिया। विशेष अदालत ने कहा था, इससे प्रथम दृष्टया यह मालूम पड़ता है कि वह आपराधिक साजिश में शामिल थे। कल्याण सिंह ने 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद यूपी के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।