भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई रविवार को सेवानिवृत्त हुए जिसके बाद सोमवार को सुबह करीब 9 बजे जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है।
मुख्य न्यायधीश को तौर पर जस्टिस बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।
शीर्ष अदालत के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश 63 वर्षीय न्यायमूर्ति बोबडे रिटायर्ड सीजेआई ने रंजन गोगोई का स्थान लिया।
इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। शपथ लेने के बाद जस्टिस बोबड़े ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया। जस्टिस बोबड़े का जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर में हुआ।
उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से कला व कानून में स्नातक किया।
बोबडे ने 1978 में महाराष्ट्र बार काउन्सिल में पंजीकरण कराया था। बाद में बांम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में वकालत शुरू की।
हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में 21 साल तक अपनी सेवाएं देने वाले जस्टिस बोबड़े ने मार्च, 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में शपथ ली। बोबड़े 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाए गए थे।
12 अप्रैल 2013 को पदोन्नति मिलने पर जस्टिस बोबडे को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनाया गया था
अयोध्या के अलावा जस्टिस बोबड़े और भी कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा रह चुके हैं।