कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने मौजूदा समय में देशभर में विराट रूप धारण किया हुआ है। दिन – प्रतिदिन इसकी चपेट में आ कर हजारों लोगों की जान जा रही है। इसके प्रकोप से जान गंवा चुके लोगों में आमजन से लेरकर नेता , अभिनेता तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। अब खबर है कि न्यायाधीश भी इसके संक्रमण की लपटों से नहीं बच पा रहे हैं।
कल 24 अप्रैल की देर रात उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागोदर का निधन हो गया । शांतनागोदर को फेफड़े में संक्रमण के चलते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि उन्हें कोरोना था या नहीं। वह 62 वर्ष के थे। सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति शांतनागोदर को फेफड़े में संक्रमण के चलते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह आईसीयू में थे। जहां उनकी जान चली गई।
सूत्रों ने न तो इसकी पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया कि न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित थे या नहीं।
न्यायमूर्ति शांतनागोदर को 17 फरवरी 2017 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था। उनका जन्म पांच मई 1958 को कर्नाटक में हुआ था। उन्होंने पांच सितंबर 1980 को एक वकील के तौर पर पंजीकरण कराया था। उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किए जाने से पहले न्यायमूर्ति शांतनागोदर केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे।