उत्तर के राज्य हों या फिर दक्षिण के अन्य राज्य, तमिलनाडु की सियायत बाकी प्रदेशों से थोड़ी अलग है। तमिलनाडु में सितारों के राजनीति में आने का एक लंबा इतिहास रहा है। अब तमिल अभिनेता विजय ने राजनीति में आने का ऐलान करते हुए अपनी पार्टी बनाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुपरस्टार की छवि रखने वाले विजय को नई पारी में जीत मिलेगी? क्या वे नायक बनकर उभरेंगे या फिर मौजूदा दलों के लिए बाधा बनकर उभरेंगे?
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि 2024 के आम चुनाव से पहले विजय ने पार्टी का ऐलान करके राज्य की राजनीति को जरूर गरमा दिया है। लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनाव नहीं, बल्कि 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है। विजय किस एजेंडे के साथ आगे बढ़ेंगे। यह देखना काफी दिलचस्प होगा, विजय की इंट्री से सभी पार्टियों का वोट बैंक टूटेगा। अनुमान तो यहां तक है कि वे 2026 के चुनावों में 12 फीसदी तक वोट हासिल कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अगर विपक्ष के वोट में सेंधमारी करते हैं तो इससे डीएमके की स्थिति मजबूत होगी। इसका एक कारण यह है कि विजय की तमिलनाडु में बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है। अभिनेता को अक्सर जरूरतमंद लोगों की मदद करते हुए देखा जाता रहा है।
अभिनय से इतर दलपति विजय समाजसेवा के लिए भी जाने जाते हैं। दिसंबर 2023 में विजय ने थूथुकुडी और तिरुनेलवेली जिलों के बाढ़ पीड़ित निवासियों की मदद की थी। विजय ने कथित तौर पर उन परिवारों को राहत सामग्री वितरित की जो बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे। वर्क फ्रंट की बात करें तो 2023 में विजय को ‘लियो’ और ‘वरिसु’ में देखा गया था। राजनीतिक पार्टी बनाने का इरादा वह पहले भी जाहिर कर चुके हैं। वह चौरिटी एवं कल्याणकारी काम करते आए हैं। हाल ही में उन्होंने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में टॉपर छात्रों को सम्मानित किया जिसका फायदा विजय को मिल सकता है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु की राजनीति में सितारों की इंट्री नई नहीं है। एमजीआर, के करुणानिधि और जयललिता ने लगभग 50 वर्षों तक राज्य की राजनीति पर शासन किया। अभी भी करुणानिधि द्वारा बनाई गई डीएमके सत्ता में है। एम के स्टालिन राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन को उनके उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा है, हाल के महीने में यह भी चर्चा सामने आई थी कि उन्हें राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
एक्टर विजय ने ऐसे वक्त पर पार्टी का ऐलान किया है जब राज्य में डीएमके सत्ता में है और एआईएडीएमके खेमों में बंटी हुई है। अभिनय से राजनीति में आए विजयकांत का निधन हो चुका है। रजनीकांत स्वास्थ्य कारणों से अब राजनीति में सक्रिय नहीं है तो वहीं केंद्र की सत्ता का काबिज बीजेपी राज्य में पूर्व आईपीएस अधिकारी के अन्नामलाई को मोर्चे पर लगाकर राज्य में अपनी पैठ बनाने में जुटी है। अभिनेता विजय की पार्टी के ऐलान के बीच चर्चा यह भी हो रही है कि 2026 को चुनावों में लड़ाई युवा और नए चेहरों के बीच होगी। राज्य में डीएमके का चेहरा उदयनिधि और बीजेपी की तरफ से अन्नामलाई के साथ इस फेहरिस्त में अभिनेता विजय का नाम भी शामिल होगा। एआईडीएमके कैसे आगे बढ़ेगी? इसकी तस्वीर लोकसभा चुनावों में साफ होने की उम्मीद है। लंबे समय से बीजेपी के साथ रही एआईएडीएमके अब एनडीए का हिस्सा नहीं है।
खास बात यह है कि विजय ने अपनी पार्टी का नाम ‘तमिलका वेत्री कड़गम’ रखा है। इसे संक्षिप्त में टीवीके कहा जा रहा है जिसका मोटे तौर पर मतलब है कि तमिलनाडु विजय पार्टी है। उनके राजनीति में आने पर समर्थकों में जश्न देखा गया। विजय के राजनीति में आने पर सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी बीजेपी ने अभिनेता को नई पारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन भी फिल्मों में काम कर चुके हैं, अब वे राज्य के खेल मंत्री हैं। तमिलनाडु के सितारे पहले जहां राजनीति में सफल रहे हैं तो वहीं हाल के सालों में पुराना इतिहास बदला है। कमल हासन ने मक्कल निधि मय्यम की शुरुआत की। रजनीकांत ने पिछले दशक में रजनी मक्कल मंद्रम का गठन किया था। जहां कमल हासन अभी भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं, वहीं रजनीकांत ने स्वास्थ्य कारणों से राजनीति छोड़ दी है। ऐसे में सवाल है कि एक्टर विजय क्या वाकई में फिल्मी पर्दे की तरह राजनीति में जलवा बिखेर पाएंगे?