उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था राम भरोसे हैं । आए दिन हो रहे अपराध इसका नतीजा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ तो कानून को सख़्ती से लागू करने का दावा करते हैं । लेकिन वहीं दूसरी तरफ अपराधी बेलगाम हो रहे हैं। अभी पिछले 2 महीनों में तीन पत्रकारों की हत्या के बाद अब एक पत्रकार की पुत्री को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। पत्रकार की पुत्री को जिंदा जलाने वाले दबंग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है । जबकि नब्बे प्रतिशत हालत में जली पत्रकार की पुत्री इलाज के दौरान स्वर्ग सिधार चुकी है।
यह मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का है। जहां के टंडसा मजरे के इलाके में थाना बल्दीराय के एंजेल नामक एक गांव में यह घटना घटी है । जहां के निवासी पत्रकार प्रदीप सिंह की पुत्री के साथ यह सनसनीखेज घटना घटी है ।

यहां यह भी बताना जरूरी है कि पत्रकार प्रदीप सिंह को पुलिस ने जबरन एक मुकदमे में फर्जी तरीके से फंसा कर पहले ही जेल भेज रखा है। जबकि घर पर उनका परिवार असुरक्षित रहता था। बताया जा रहा है पत्रकार प्रदीप सिंह की पुत्री श्रद्धा सिंह अपने घर के दरवाजे पर लगे नल से पानी भर रही थी। तभी पडोसी गांव के दबंग लोग वहां आ धमके। जिन्होंने श्रद्धा सिंह को सरेआम बंधक बना लिया और दरवाजे पर ही उसे पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। इसके बाद आरोपी फरार हो गए।
बताया जा रहा है कि आरोपी पड़ोसी गांव परसोली के सुभाष, महंत और जयकरण है। बताया यह भी जा रहा है कि इन लोगों से पत्रकार प्रदीप सिंह का आपसी जमीनी विवाद चल रहा था। प्रदीप पत्रकार की पुत्री लपटों से घिरी हुई अपने आप को बचाते हुए भागी। इसी दौरान परिजनों और ग्रामीणों ने आकर श्रद्धा सिंह को आग की लपटों से बचाने की कोशिश की ।
आनन-फानन में ही परिजन उसे 90 प्रतिशत जली हुई हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनपतगंज लेकर गए। जहां उसकी हालत गंभीर हो गई । इसके बाद उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत बिगड़ती चली गई और अंत में वह सुधर गए स्वर्ग सिधार गई।