छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी आखिरकार फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई जांच समिति द्वारा फर्जीवाड़े के दोषी करार दे दिए गए जाने के बाद पूरी तरफ फंस चुके हैं। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ आदिवासी होने का झूठा प्रमाण पत्र देने संबंधी एफआईआर दर्ज करा दी है। अब ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। इतना ही नहीं जांच कमेटी की रिपोर्ट चलते जोगी को विधानसभा से भी अयोग्य घोषित किया जाना तय है। समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि अजीत जोगी खुद को आदिवासी होने का कोई प्रमाण समिति को नहीं दे पाए हैं। समिति ने जोगी के आदिवासी प्रमाण पत्र को निरस्त किए जाने की बात कही है। इसकी तरफ अजीत जोगी इसे अपने खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहे हैं। जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार के अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की भी धमकी दी है। जोगी का कहना है कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र 1986 में तत्कालीन कानून के मुताबिक दिया गया था, जबकि जांच समिति ने उन्हें दोषी 2013 के संशोधित कानून के अंतर्गत माना है। इस बीच हाई लेबल ड्रामा करते हुए जोगी के विधायक पुत्र अमित जोगी एक पुलिस स्टेशन पर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने खुद की गिरफ्तारी की मांग करते हुए छत्तीसगढ के सीएम बघेल को बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया।