दिल्ली एमसीडी चुनावों के बीच जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस बार कैम्पस के दीवारों पर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये जाति सूचक शब्द स्कूल ऑफ़ इंटरनैशनल स्टडीज की दीवारों पर लिखे गए हैं। जिसमें ब्राह्मणों का विरोध किया गया है। घटना के बाद प्रशासन ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस मांमले की जांच करने को कहा है।जिसकी रिपोर्ट वाइस चांसलर शांतिश्री डी को सौंपी जाएगी। दरअसल कैंपस की दीवारों पर कुछ इस तरह के असामजिक तत्वों द्वारा ब्राह्मणों भारत छोड़ो , वहां खून होगा ,ब्रम्हाण भारत छोड़ो , ब्राह्मण बनिया हम आ रहे हैं ऐसे जाति सूचक नारे लिखे गए हैं । इन नारों को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कहा कि ऐसी घटनाओं को विश्विद्यालय में बरदाश नहीं किया जाएगा। परिसर किसी एक का नहीं बल्कि सबका है। जेएनयू समावेश और समानता के लिए हमेसा खड़ा रहा है।
इस मामले में अखिल भारतीय युवा परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष राहुल कुमार का कहना है कि एबीवीपी कम्युनिष्ट गुंडों का इस तरह से किसी भी अकादमिक परिसर में गुंडागर्दी और तोड़ फोड़ करने की निंदा करता है,अकादमिक परिसर की जगह चर्चा और बहस के लिए होनी चाहिए न कि समाज और छात्रों में जहर घोलने के लिए। इसके आलावा जेनयू के शिक्षक संघ ने भी परिसर में की गई तोड़ -फोड़ का विरोध करएक ट्वीट पोस्ट किया है. जिसमें लेफ्ट लिबरल गैंग को जिम्मेदार ठहराया गया है।
कॉलेज में जाति सूचक नारे लिखे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A/B, 505, 506, 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच करने की मांग की है।
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