किसान आंदोलन में रिलायंस जियो के बहिष्कार की गूंज टेलीकॉम नियामक ट्राई तक पहुंच चुकी है. रिलायंस जियो ने ट्राई को चिट्ठी लिख कर एयरटेल और वोडाफोन-आईडिया की शिकायत की है. रिलायंस जियो ने कहा है कि एयरटेल और वोडाफोन आईडिया अपने कर्मचारियों, एजेंट और रिटेलरों के द्वारा पंजाब और उत्तर भारत में भ्रामक मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का कैंपेन चला रही हैं. इसके चलते जियो को बड़े पैमाने पर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट आ रही है.वहीं वोडाफोन आइडिया और भारतीय एयरटेल ने जियो के आरोपों को खारिज किया है और ‘बेबुनियाद’ करार दिया है.
दरअसल जियो का आरोप है कि एयरटेल और VI ने किसान आंदोलन के दौरान अनैतिक रूप से ऐसी अफवाहें फैलाईं कि नए कृषि कानूनों से Jio को फायदा पहुंचने वाला है।
किसानों ने अपने आंदोलन के दौरान इस बात की अपील लोगों से की है कि वे अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करें।
वे रिलायंस के पेट्रोल पंप से तेल न डलवाने ,मॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स में मिलने वाले अडानी-अंबानी के सारे प्रोडक्ट्स का भी बहिष्कार करने और जियो सिम को पोर्ट करवाकर कोई और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं लेने की अपील किसानों के द्वारा की जा रही है।
किसानों की यह अपील किसानों के आंदोलन का हत्यार बना सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा हैं सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि अगर आप किसानों के समर्थक हैं तो अडानी-अंबानी के किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करें। इस वजह से रिलायंस बुरी तरह परेशान है। खबरों के अनुसार अभी तक जिओ के 28 लाख नंबर पोर्ट की रिक्वेस्ट की जा चुकी है
ट्राई को लिखे खत में रिलायंस जियो ने कहा है कि उसे बड़ी संख्या में अपने नंबर्स को पोर्ट कराने वाली रिक्वेस्ट मिल रही हैं और इनमें सब्सक्राइबर ने इसकी वजह का कारण किसान आंदोलन को एकमात्र कारण बता रहे हैं जबकि उन्हें हमारी सेवाओं से कोई दिक्कत नहीं है। यह ख़त 11 दिसंबर को लिखा गया है।
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़, फ़रीदाबाद, बहादुरगढ़, चंडीगढ़, फ़िरोज़पुर और एनसीआर के अन्य इलाक़ों और पंजाब में ऐसे कई सब्सक्राइबर हैं, जो जियो के सिम को पोर्ट करा रहे हैं।
जियो ने ट्राई से कहा है कि एयरटेल और वीआई अपने कर्मचारियों, एजेंट्स और रिटेलर के जरिये उसके ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाला कैंपेन चला रहे हैं।
सितंबर अंत में जियो के पास 40 करोड़ से ज़्यादा जबकि एयरटेलर के पास 29 करोड़ से ज़्यादा और वीआई के पास 27 करोड़ से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं।
यही बात वीआई ने भी कही है और कहा है कि वह सिद्धांतों के साथ कारोबार करने में भरोसा रखती है। वीआई ने कहा है कि उसकी छवि को ख़राब करने के लिए ही इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं और वह इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है।
क्रषि कानून के विरोध में अकाली दल ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया था और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था। बादल ने इस्तीफे के बाद के बयानों में कई बार रिलायंस जियो का जिक्र किया था। उन्होंने कहाँ की, एक किसान ने उदहारण देते हुए उन्हें बताया कि जियो आया, उसने हमें फ्री फोन्स दिए। जब सबने ये फोन खरीद लिए और उनपर निर्भर हो गए तो प्रतियोगिता खत्म हो गई और जियो ने दाम बढ़ा दिए। कॉर्पोरेट्स बिल्कुल यही कृषि क्षेत्र में करने वाले हैं।”
राहुल गांधी ने ट्वीट करके इसे अडानी अंबानी कानून बता चुके हैं