81 सदस्यीय विधानसभा में जहां महागठबंधन ने बहुमत से ज्यादा 47 सीटें जीतीं तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 25 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। मीडिया सूत्रों के अनुसार, हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ 27 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे।
चुनावों में भाजपा का मिशन 65 यानी 65 सीटें जीतने का दावा ध्वस्त हो गया। इसी के साथ यह रिकॉर्ड कायम रहा कि झारखंड राज्य के गठन के 19 साल में कोई भी सत्तारूढ़ पार्टी वापसी नहीं कर सकी है। चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत भाजपा के पांच मंत्री हार गए। चुनाव पूर्व सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी को भी 3 सीटें ही मिलीं।
झारखंड विधानसभा चुनावों में न सिर्फ भाजपा को करारी शिकस्त मिली, बल्कि उसके मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे रघुवर दास स्वयं जमशेदपुर पूर्वी सीट से अपने मंत्रिमंडल सहयोगी रहे भाजपा के विद्रोही सरयू राय से 16 हजार से अधिक मतों से पराजित हो गए । झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को क़ल सोमवार (23 दिसंबर) शाम राजभवन में अपना इस्तीफा सौंपा।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्षमण गिलुवा भी अपनी चक्रधरपुर सीट पर हार गए जबकि भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य सभी बड़े दलों के नेता विधानसभा चुनाव में जीतने में सफल रहे। झारखंड के मुख्यमंत्री दास अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रहे भाजपा के विद्रोही उम्मीदवार से जमशेदपुर पूर्वी सीट से 15,833 मतों से पराजित हो गये, जबकि इससे पहले वह इसी सीट से लगातार पांच बार विजयी रहे थे और 2014 के विधानसभा चुनावों में वह 70,157 मतों से विजयी हुए थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा भी चक्रधरपुर की सीट से झामुमो प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,234 मतों से पराजित हो गए । इसके विपरीत झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और विजयी गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों सीटों से जीत दर्ज की। हेमंत ने जहां बरहेट सीट पर भाजपा के साइमन माल्टो को 25,740 मतों से पराजित किया वहीं दुमका में उन्होंने भाजपा की मंत्री लुईस मरांडी को 13,188 मतों से पराजित कर दिया। 2014 में वह 4914 मतों से लुईस से ही चुनाव हार गये थे।
भाजपा- 25
जेएमएम-30
कांग्रेस-16
राजद-1
जेवीएम-3
आजसू-2
अन्य-4
भाजपा- 33.37 फीसदी
कांग्रेस- 13.88 फीसदी
जेएमएम- 18.72 फीसदी
जेवीएम-5.45 फीसदी
राजद- 2.75 फीसदी
जदयू- 0.73 फीसदी
बसपा- 1.53 फीसदी
सीपीआईएम- 0.32 फीसदी
आजसू- 8.10 फीसदी
सीपीआई- 0.46 फीसदी
एआईएमआईएम- 1.16 फीसदी
जेडीएस- 0.01 फीसदी