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जयंती विशेष :  एक प्रेम कहानी जिसके बाद इंदिरा नेहरू बन गयीं  इंदिरा गांधी

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री जिनका मानना था कि ‘क्षमा करना वीरों का गुण होता है। इंदिरा गांधी जिनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। आज  देश की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की 101वीं जयंती है।

कुलमिलाकर इंदिरा गाँधी 16 वर्ष तक देश की प्रधानमंत्री रही थीं।और इस दौरान उन्होंने कई कड़े फैसले भी लिए। इंदिरा गांधी के दो फैसलों का जिक्र हमेशा होता रहता है , एक 1975 की इमरजेंसी का और दूसरा ऑपरेशन ब्लू स्टार। ये वो कड़े फैसले रहें जिसके लिए इंदिरा गांधी  आज भी दुनिया भर में जानी जाती है।उन्होंने ऐसे कई फैसले लिए जिन्होंने देश के इतिहास को बदल कर रख दिया।

 


इंदिरा गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी कई कदम उठाए थे। जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना।  इंदिरा गांधी को 1971 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

एक प्रेम कहानी जिसके बाद इंदिरा नेहरू बन गयीं इंदिरा गांधी

 

फिरोज गांधी स्वतंत्रता सेनानी थे तो वे नेहरू के करीब पहले से थे।फिरोज गांधी जिनका जन्म गुजरात के एक पारसी परिवार में हुआ था। वो जब 18 वर्ष के थे तो उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर देश की स्वतंत्रता लड़ाई में योगदान देने का फैसला लिया। जब वे नेहरू परिवार के करीब आये तो वह साल था 1933 और उस वक़्त इंदिरा गांधी मात्र 16  वर्ष की थीं।

उसी दौरान परिवार में आने-जाने के वक़्त फिरोज गांधी और इंदिरा को एक दूसरे से लगाव हुआ।  और फिरोज ने नेहरू के सामने इंदिरा से शादी करने का प्रस्ताव रख दिया। इंदिरा के कम उम्र के होने के चलते इंदिरा और उनकी मां ने फिरोज के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।


वे 1934 में कमला नेहरू की भोवाली यात्रा में भी उनके साथ थे।उसके बाद जब कमला नेहरू की हालत 1935 में खराब हुई तो उन्होंने आनन-फानन में यूरोप ले जाने के लिए सारे इंतजाम किए। यूरोप में लंबी बीमारी के चलते कमला नेहरू की मौत हो गई। जब कमला नेहरू का निधन हुआ तब वे उनके पास ही थे। इन सालों में इंदिरा और फिरोज एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे और आखिरकार मार्च 1942 में दोनों ने हिंदु रीति-रिवाजों से शादी कर ली।

नेहरू दोनों की शादी से बहुत खफा थे वे इस संबंध में गांधी जी के पास पहुंचे, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। और कई सालों तक दोनों साथ-साथ रहे। दोनों के दो पुत्र हुए राजीव गांधी और संजय गांधी, फिरोज गांधी की दिल का दौरा पड़ने से 1960 में मौत हो गई। इसके बाद इंदिरा गांधी राजनीति में सक्रिय हुईं और भारत की पहली प्रधानमंत्री बनीं।

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