जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब वहां पर डीडीसी (जिला विकास परिषद ) के चुनाव करवाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी जहां अकेले ही चुनाव लड़ रही है, तो वहीं गुपकार घोषणा के बैनर तले विपक्षी पार्टियां एक हो गई हैं। इस बीच बीजेपी के चुनाव प्रभारी अनुराग ठाकुर ने डीडीसी चुनाव को काफी अहम बताया है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला चुनाव है
दरअसल अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहला चुनाव है। बीजेपी कह रही कि विशेष दर्ज हटने से जम्मू-कश्मीर का विकास होगा, जबकि एनसीपी, पीडीपी, कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटाकर बीजेपी ने संविधान और विलय समझौते का अपमान किया है। ऐसे में ये चुनाव साफ कर देंगे कि जनता का रुख किसकी ओर है।
लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जिला विकास परिषद चुनाव महत्वपूर्ण हैं। लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए आ रहे हैं। ये दर्शाता है कि लोग लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक मजबूत संदेश दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग अब शांति और विकास की राह पर चलना चाहते हैं। हालांकि आतंकवाद से प्रभावित होने के बाद भी इन चुनावों में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अप्रिय घटनाओं की सूचना नहीं मिली है।
चुनाव में सभी को समान मौका नहीं मिल रहा
लेकिन इन सबके बीच डीडीसी चुनाव के शुरू होने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनाव संबंधी गतिविधियों को लेकर काफी शिकायतें की। जिस पर चुनाव आयोग ने कहा था कि आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि सभी राजनीतिक दलों के पास चुनाव संबंधी गतिविधियों के लिए एक समान अवसर हों।
गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने आरोप लगाया था कि चुनाव में सभी को समान मौका नहीं मिल रहा है। उनका आरोप था कि प्रशासन उनके उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं दे रहा है और उन्हें उनके आवासों में नजरबंद कर रहा है।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती सईद ने तो यहां तक कह दिया है कि बीजेपी गुपकार से जुड़े प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार ही नहीं करने दे रही है। जानबूझकर उनके नेताओं को रोशनी स्कैम से लेकर दूसरे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर डीडीसी चुनाव को लेकर इतना हो हल्ला क्यों है? डीडीसी चुनाव को हर पार्टी जीतने के लिए क्यों सारी ताकत झोंक रही है?
वहीं बीजेपी भी इस चुनाव को बहुत ज्यादा महत्व दे रही है, जहां केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को प्रभारी बनाया गया है। साथ ही शहनवाज हुसैन जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी मोर्चा संभाल रखा है।
वहीं बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस, एनसीपी, पीडीपी समेत कई दल गुपकार गठबंधन के बैनर तले एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। 8 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। वहीं, इसका परिणाम 22 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
आपको बता दें कि इन चुनावों में कुल 1 हजार 427 उम्मीदवार मैदान में हैं और 7 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने बताया कि पहले चरण में सुचारू रूप से मतदान के लिए 2 हजार 146 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।