आंध्र प्रदेश में 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। जगन सरकार ने 73वें गणतंत्र दिवस के दिन प्रदेश में 13 नए जिलों के निर्माण की घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश का गठन वर्ष 1953 के अक्टूबर माह के शुरुआत में हुआ था। तब इसे आंध्र स्टेट कहा गया था। 1 नवंबर, 1956 को इसमें तत्कालीन हैदराबाद स्टेट के तेलगु भाषी इलाके जोड़े गए और इसका नाम आंध्र प्रदेश कर दिया गया था। जून, 2014 में एक बार फिर से इसका पुर्नगठन किया गया। तेलगु भाषी 10 जिलों को आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना प्रदेश का गठन किया गया। यूपीए सरकार के इस निर्णण के चलते दोनों ही प्रदेशों से कांग्रेस का सफाया हो गया। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ तेलगु देशम पार्टी को हरा जगन रेड्डी के नवगठित दल वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी।
मुख्यमंत्री ने 2019 के चुनाव के दौरान किया था वादा
वर्तमान में आंध्र प्रदेश में केवल 13 जिले हैं, अनंतपुर, चित्तूर, पूर्व गोदावरी, गुंटूर, कड़प्पा, कृष्णा, कुर्नूल, नेल्लौर, प्रकाशम, श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, विजयनगरम, और पश्चिम गोदावरी जिला। मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने साल 2019 में विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य के हर संसदीय क्षेत्र को एक जिले में बदल देने का वादा किया था, जिसे वह अब पूरा करने में जुट गए हैं। 26 जनवरी 2022, आंध्र प्रदेश सरकार ने 13 और नए जिले बनाने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 13 नए जिलों के नाम भी घोषित कर दिए हैं। जिन नए राज्यों का उदय होगा उनके नाम हैं, मान्यम, अल्लूरी सीताराम राजू, अनाकापल्ली, काकीनाडा, कोना सीमा, एलुरु, एनटीआर, बापटिया, पलनाडु, नंदयाल, श्री सत्यसाई, अन्नामय्या, श्री बालाजी हैं।
कैसे होगा जिलों का निर्माण
जिन 13 नए जिलों को बनाने की घोषणा की गई है है उनमें से श्रीकाकुलम और विजयनगर के मुख्यालय पार्वतीपुरम को ‘मान्यम’ जिले में परिवर्तित किया जाएगा, विशाखापट्टनम और पूर्वी गोदावरी जिले के कुछ हिस्से को मिलाकर ‘अल्लूरी सीताराम राजू’ जिला, विशाखापट्टनम से ‘अनाकापल्ली’ जिले को अलग किया जाएगा, पूर्वी गोदावरी से ‘काकीनाडा’ और ‘कोना सीमा’ जिले को अलग, पश्चिमी गोदावरी और कृष्णा जिले के कुछ हिस्से से ‘एलुरु’ जिला, कृणा जिले से ‘एनटीआर’ जिला अलग किया जाएगा, गंटूर और प्रकाशम जिले के कुछ हिस्सों से ‘बापटिया’ जिला, गंटूर जिले से ‘पलनाडु’ जिले को अलग, कर्नूल जिले से ‘नंदयाल’ जिले को विभाजित, अनंतपुर जिले से ‘श्री सत्य साईं’ जिले को अलग, चित्तूर और कडप्पा के कुछ मंडलों को मिलाकर ‘अन्नामय्या’ जिला, और नल्लोर एवं चित्तूर जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर ‘श्री बालाजी’ जिले का निर्माण किया जाएगा।