आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस में नेताओं का असंतोष बढ़ता ही जा रहा हैं। सचिन पायलट की बगावत पर विराम लगने के बाद अब एक नए नेता की बगावत करने की चर्चा जोरों पर है। यह नेता कांग्रेस के वरिष्ठ कपिल सिब्बल है। कपिल सिब्बल जिस तरह से कल सीडब्ल्यूसी की बैठक में आक्रोश में आए और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उलझ बैठे, उससे तो यही संकेत मिल रहा है कि वह भी बगावत की ओर बढ़ रहे हैं।
फिलहाल, कपिल सिब्बल टि्वटर – टि्वटर खेल रहे हैं। कल उनके ट्विटर पर खूब हंगामा हुआ। एक बार तो कपिल सिब्बल ने ऐसा ट्वीट कर दिया था कि खुद राहुल गांधी को उनसे ट्वीट हटाने के लिए कहना पड़ा। हालांकि उन्होंने वह ट्वीट तो हटा दिया। लेकिन इसी के साथ ही चर्चा इस बात को रहे ले कर रही कि उन्होंने अपने ट्विटर से “कांग्रेस ” शब्द को भी हटा दिया। आज फिर सिब्बल ने एक ओर ट्वीट करके राजनीतिक हलचल मचा दी है।
पिछले साल सिंधिया ने भी पार्टी से बगावत की शुरुआत कुछ ऐसे ही की थी। तब कमलनाथ से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक ही अपने ट्विटर अकाउंट से पार्टी का नाम हटाते हुए खुद को समाजसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया था। इसके बाद उन्होंने विधिवत तौर पर कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर ‘कमल’ थाम लिया था । अब सिब्बल को लेकर भी कुछ ऐसी चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी से नाराज चल रहे कपिल सिब्बल खुद कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
इसकी शुरूआत 15 दिन पहले हुई थी। सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
करीब 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए। कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए। चिट्ठी लिखने वालों में 5 पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल थे। यही नहीं बल्कि पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल भी थे। यही से असली विवाद की शुरुआत हुई। आनन – फानन में ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक दिन बाद यानि सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक करने की घोषणा कर दी।
कल जैसे ही सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू हुई सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की । इसके बाद राहुल गांधी ने अपने अंदाज में पत्र लिखने वाले नेताओं की क्लास लेनी शुरू कर दी। राहुल गांधी ने कहा कि पत्र लिखने वाले कुछ लोग भाजपा से मिले हुए हैं। पता नहीं कैसे कपिल सिब्बल को भाजपा से मिले हुए की बजाय भाजपा से साठगांठ सुनाई दिया। यह ‘सांठगांठ’ शब्द कपिल सिब्बल को बैचेन कर गया । इतना बैचेन कि इस ‘ साठगांठ’ को आधार बनाते हुए उन्होंने ट्वीट तक कर दिया।
सिब्बल ने बतौर वकील कांग्रेस को सेवा देने का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी का कहना है कि ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं।’ राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए सफल हुआ। मणिपुर में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने करने के लिए पार्टी का पक्ष रखा।’ उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘पिछले 30 वर्षों से किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं।’ हालांकि बाद में सिब्बल ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया । उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उन्हें खुद बताया है कि ऐसा उन्होंने कभी नहीं कहा।
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
उधर,दूसरी तरफ कपिल सिब्बल के इस ट्वीट पर विवाद खड़ा होने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने ‘सांठगांठ’ के आरोप वाली कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने सिब्बल के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘कृपया, फर्जी विमर्श अथवा गलत सूचना फैलाए जाने से गुमराह मत होइए। हमें एक दूसरे से लड़ने एवं कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के बजाय अधिनायकवादी मोदी सरकार से लड़ने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।’
कल 7 घंटे की जद्दोजहद के बाद सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में कोई महत्वपूर्ण निर्णय हुआ नहीं बल्कि उल्टा कपिल सिब्बल और राहुल गांधी का विवाद चर्चा में आ गया। तब मीटिंग समापन करते समय सोनिया गांधी ने कहा कि हम एक बड़ा परिवार हैं। हममें भी कई मौकों पर मतभेद होते हैं, लेकिन अंत में हम सब एक साथ होते हैं। अभी वक्त की मांग है कि जनता की खातिर ऐसी ताकतों से लड़ें, जो इस देश को कमजोर कर रहे हैं। आगे बढ़ते हैं। जिन लोगों ने चिट्ठी लिखी, उनके लिए मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं है, क्योंकि वह भी मेरा परिवार ही हैं।
It’s not about a post
It’s about my country which matters most— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 25, 2020
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो स्पष्ट कर दिया कि उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं है। लेकिन कपिल सिब्बल अपनी कल की ‘टशन’ को आज एक ट्विट के रूप में फिर सामने ले आए । उन्होंने आज फिर एक बार ट्वीट किया और कहा कि ‘यह किसी पद की बात नहीं है यह मेरे देश की बात है,जो सबसे ज्यादा जरूरी है ‘।
सिब्बल के इस ट्वीट पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है । कयासबाजी लगाए जाने लगे है। कहां जाने लगा है कि वह भी अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चल पड़े है। हालांकि, इसे अभी सचिन पायलट की तरह सिब्बल की बगावत ही कहा दिया जा रहा है। लेकिन सिब्बल की शुरू हुई यह बगावत कही आगें चलकर अदावत ना बन जाए।