लगातार विश्व में अपनी ताकत का लोहा मनवाने वाले भारत को एक बार फिर विश्व को अपनी ताकत से रूबरू कराने का अवसर मिला है। दरअसल ,भारत नवंबर में अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मलेन की मेज़बानी करने वाला है। इस सम्मेलन को भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जायेगा। इस विश्व स्तरीय सम्मेलन में कई देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य जज और कई वीआईपी हस्तियां शिरकत करेंगी। इस अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में देश की राजधानी में 47 देशों के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ( इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) के जज भी शामिल होंगे। ये सम्मेलन 1 से 3 नवंबर के बीच होगा। इस दौरान सम्मेलन में भारत में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और भारत के साथ इसके रिश्ते को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा।
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई द्वारा केंद्र सरकार को इसके लिए चिट्ठी भी लिखी गयी थी। 15 अगस्त से ठीक पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के नाम लिखी चिट्ठी में जस्टिस गोगोई ने ये गौरवशाली आयोजन करने की मंशा जताई थी ,जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने की बात भी कही गई थी। नवंबर में रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस गोगोई की इस चिट्ठी के मुताबिक रंजन गोगोई ने चिट्ठी में सरकार से इसके आयोजन को राजनीतिक मंजूरी देकर ये सुनिश्चित करने को कहा कि विदेश मंत्रालय इस सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों के आने-जाने और ठहरने का प्रबंध करे। जस्टिस गोगोई के मुताबिक सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय कानून जगत से जुड़े विद्वानों द्वारा लैंगिक समानता, न्यायपालिका, संविधान, न्यायालय, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बौद्धिकता और जैव विविधता के समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में बहरीन गए थे जहां उन्हें बहरीन के शीर्ष पुरस्कार ‘किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां’ से सम्मानित किया गया। भारत वर्ष के लिए यह एक गौरवान्वित विषय था और अब विश्व स्तरीय न्यायिक सम्मलेन में भारत द्वारा मेज़बानी करना बहुत अहम विषय के तौर पर देखा जा रहा है।