काॅप (कान्प्रफेंस आॅफ पार्टी) सम्मेलन को भारत में आयोजित कराने के लिए पर्यावरण मंत्रालय व संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके है। दुनिया में हर दिन मरूस्थल में तब्दील हो रही 25 हेक्टेयर जमीन को रोकने के विषय पर इस सम्मेलन में चिंतन किया जायेगा। ग्रेटर नोयडा के एक्सपों सेंटर में 2 से 14 सितंबर तक इसका आयोजन निश्चित किया गया है।
मंगलवार 9 जुलाई को यूएन की विशेष इकाई (यूएनसीडी) के प्रमुख्स इब्राहिम चाओ के साथ पर्यावरण मंत्रालय में बैठक की गई। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर द्वारा कहा गया कि मरूस्थल की गहराती समास्या चिंता का विषय है देश की 29 पफीसद जमीन बंजर है और भारत इससे अछूता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कोशिश है कि 2030 तक सिंचित जमीन बढ़े। हमारी खेती 60 फीसद पूर्णतः वर्षा जल पर आधरित है इसलिए इसके अत्याधिक प्रबंधन के प्रयास हैं। काॅप-14 सम्मेलन पर्यायवरण क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस मौके पर इब्राहिम चाओ ने भी कहा कि हम दिल्ली में पेरिस के वादे को आगे बढ़ायेगे।
अगले 25 से 30 साल में तेजी से मरुस्थल में तब्दील हो रही भूमि को बचाने के लिए दुनिया को परस्पर मिलकर काम करना होगा।