प्राचीनकाल से चली आ रही अंधविश्वास के चलते मानव बलि आज के इस आधुनिक युग में भी आए दिन देखने को मिलती है। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में इस अंधविश्वास के नाम पर महज 6 साल के धर्मेंद्र की बलि चढ़ा दी गई है। मानव बलि की ये कुप्रथा इंसानियत को खोखला कर रही है। ऐसे में ये आपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं और मानव बलि के नाम पर मासूम बच्चे इसका शिकार आसानी से हो रहे हैं । ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला दिल्ली से सामने आया है। जिसमें मानव बलि के नाम पर 6 साल के धर्मेंद्र की आरोपियों ने गला रेत कर हत्या कर दी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक यह घटना दिल्ली के पॉश इलाके लोधी कॉलोनी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) मुख्यालय के निर्माण स्थल पर हुई है। जहां बच्चे के माता -पिता मजदूरी का काम करते है।
पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों आरोपियों का नाम विजय और अमन बताया जा रहा है। पुलिस ने जब इस मामले के संबंध में दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने शिव जी के सपने में आने की कहानी सुनाई। उनके मुताबिक भोले बाबा उनके सपने में आये थे और उन्होंने ही बच्चे की बलि मांगी थी। जिसके बाद उन्होंने इस आपराधिक घटना को अंजाम दिया और धारदार चाकू से बच्चे की हत्या कर दी। ये दोनों आरोपी हत्या के दौरान गांजे के नशे में धुत थे। इन दोनों आरोपियों का नाम विजय और अमन बताया जा रहा है। ये बिहार के रहने वाले है और दिल्ली में वे कंस्ट्रक्शन साइट पर सीमेंट कटर का काम करते हैं।
गौरतलब है कि मानव बलि के नाम पर ये घटना पहली नहीं है इससे पहले भी हर साल ऐसे घटनाएं देश के किसी न किसी कोने से आती रहती है। बीते वर्ष उत्तर प्रदेश में इसी तरह की एक और घटना का पुलिस द्वारा खुलासा किया गया था तंत्र मंत्र और अंधविश्वास के चलते पांच साल के बच्चे भानुप्रताप की ताई ने अपने 14 साल के बेटे के साथ मिलकर बच्चे की बलि चढ़ा दी। हत्या की वजह बताते हुए पुलिस ने कहा कि बच्चे की ताई के आठ बच्चे जन्म लेने के बाद मर चुके थे। इसके अलावा उसके दो बेटे बीमार रहते है उन्हें जीवित रखने के लिए उसे किसी ने मानव बलि का सुझाव दिया। जिसके बाद ताई द्वारा इस वारदात को अंजाम दिया गया।
वर्ष 2020 में बिहार के जमुई से एक और ऐसी ही वारदात सामने आयी थी। जिसमें दो महिलाओं सहित और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जमुई के ‘एसपी ‘ के मुताबिक तूफानी यादव के पहले बेटे की बीमारी के कारण पिछले साल मौत हो गई थी और उसकी तीन महीने की बेटी भी बीमार थी , कथित तौर पर कारू यादव और जनार्दन गिरि ने उसे अपनी बेटी की जान बचाने के लिए मानव बलि देने का सुझाव दिया था। केवल इसलिए इन आरोपियों ने एक अनुष्ठान के बाद के सौरभ नाम के बच्चे की तलवार से सिर काट कर बलि देदी। हत्या से पहले ये आरोपी भी नशे में धुत थे।
वहीं इसी साल ओडिशा के एक पुजारी ने कोरोना को भगाने के लिए मानव बलि दे दी थी । पुजारी के मुताबिक भगवान ने उसे सपने में आदेश दिया था कि मानव बलि से कोरोना का कहर खत्म हो जाएगा। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गांव के मां ब्राह्मणी देवी मंदिर परिसर के अंदर पुजारी ने एक व्यक्ति की बलि चढ़ा दी। मरने वाले का नाम सरोज कुमार बताया गया था।