पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इससे निपटने के लिए अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में इसके खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र और पंजाब सरकार ने अपनी जेलों से कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार 26 मार्च को कहा 11 हजार कैदियों को राज्य की जेलों से रिहा किया जाएगा। जिन कैदियों को सात साल से कम सजा मिली है, केवल उन्हें ही पैरोल पर छोड़ा जाएगा। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से अपने इस फैसले की जानकारी दी।
Nearly 11,000 convicts & undertrials who are imprisoned for offences with prescribed punishment up to 7 years or less should be released on emergency parole or furlough to reduce overcrowding in prisons & to contain #COVID19 outbreak: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh pic.twitter.com/TdQRu9OR7P
— ANI (@ANI) March 26, 2020
अपने ट्विटर पर गृहमंत्री देशमुख ने कहा, “करीब 11 हजार कैदी या आरोपी जो सात साल की सजा के प्रावधान वाले मामलों में बंद हैं उन्हें पैरोल पर रिहा किया जा सकता है। मैंने पूरे राज्य के कारागारों को उचित आदेश जारी कर दिया है। राज्य में करीब 60 जेल हैं जिन पर यह फैसला लागू होगा।”
महाराष्ट्र सरकार के साथ ही पंजाब के जेल मंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा ने जानकारी दी कि पंजाब सरकार भी अपने राज्य की जेलों से लगभग 6 हजार कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाएगा। इनमें उन कैदियों को रिहा किया जाएगा जिन्हें 7 साल से कम की सजा मिली है।
पंजाब के जेल मंत्री ने कहा कि इन कैदियों में पोक्सो एक्ट, आईपीसी की धारा 376 , 389 बी, तेजाब हमले , यूएनपीए, विस्फोटक एक्ट और विदेशी नागरिकता की सजा वाले कैदियों को रिहा नहीं किया जाएगा। साथ ही एनडीपीएस एक्ट के तहत केसों से जुड़े कैदियों को भी नहीं छोड़ा जाएगा। हालांकि, जिनको शुगर की बीमारी से ग्रस्त है या एचआईवी से पीड़ित है तो उन्हें इसमें छूट दी जाएगी। गर्भवती महिलाओं और 65 साल की उम्र से अधिक वाले कैदियों को भी शर्तों में छूट दी जाएगी।
To decongest prisons in wake of #COVID19 pandemic, Punjab is giving parole to 6000 prisoners from jails across the state, these are prisoners who were sentenced to less than 7 years in prison: Sukhjinder Singh Randhawa, Punjab Jail Minister (file pic) pic.twitter.com/3zGVM1R2o4
— ANI (@ANI) March 26, 2020
वहीं दिल्ली की तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी एक बड़ा निर्णय लिया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि तिहाड़ जेल में बंद 3000 कैदियों को छोड़ा जाएगा। इनमें कम से कम 1500 कैदी पैरोल, फर्लो या अंडर ट्रायल पर अंतरिम जमानत के तहत छोड़े जाएंगे।
इस मामले पर सोमवार 23 मार्च को दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उसने अपनी जेलों में बंद कैदियों को छोड़ने का फैसला लिया है। इन कैदियों को स्पेशल पैरोल और फर्लो के तहत छोड़ने का फैसला किया गया है।