नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के चलते किये गये। लाॅकडाउन से हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ऐसे में आर्थिक समस्या से जूझ रही कंपनियों को अपने कर्मचारियों की संख्या घटानी पड़ रही है। अब यात्रियों से सबसे कम किराया लेने वाली कंपनी इंडिगा ने भी अपने 10 प्रतिशत कर्मचारी कम करने का फैसला किया है। कंपनी को चलाते रहने के लिए, इस आर्थिक संकट से निपट ने के लिए, हर उपाय पर गौर करने के बाद यह फैसला लिया है। इंडिगो के कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च 2019 को 23,531 थी।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राॅन्ज्य दत्ता ने कहा कि इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को उनके सूचना पीरियड नौकरी छोड़ने या कर्मचारियों को कंपनी से निकालने का भुगतान भी किया जाएगा। इसकी गणना उनके वेतन पर आने वाली कंपनी की मासिक लागत ‘काॅस्ट टू कंपनी- सीटीसी’ के आधार पर की जाएगी। यह वेतन उनकी नौकरी की अवधि के हर साल के आधार पर न्यूनतम 12 महीने के लिए दिया जाएगा। कर्मचारी छह साल से इंडिगो के साथ है, तो उसे सीटीसी के हिसाब से छह माह का वेतन दिया जाएगा। कोरोना वायरस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र यात्रा और पर्यटन ही रहे हैं। विमानन उद्योग पर भी बड़ा असर पड़ा है। देश में चले करीब दो महीने के लाॅकडाउन और विदेशी सेवाओं पर रोक के चलते विमानन उद्योग के लिए अपने खर्चे पूरे करना भी मुश्किल हो रहा है।
देश में प्रत्येक विमानन कंपनी ने लागत कटौती के उपाय अपनाए हैं। इसमें कर्मचारियों की छंटनी से लेकर उन्हें बिना वेतन के अवकाश पर भेजने जैसे उपाय शामिल हैं। दत्ता ने कहा कि छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को उनके सालाना बोनस और प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा। स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा कवर दिसंबर 2020 तक बरकरार रहेगा। इंडिगो के कर्मचारी अपने घर जाना चाहते हैं तो उन्हें किराया नहीं देना पड़ेगा।