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कामयाब होता भारत का ऑपरेशन कावेरी

सूडान में चल रही हिंसा के बीच भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया गया है। ऑपरेशन कावेरी भारतीय नौसेना और वायुसेना की मदद से चलाया जा रहा बचाव अभियान है। इस अभियान के तहत हिंसा प्रभावित सूडान से करीब 3 हजार भारतीयों को निकालना है। जिसमें से अभी तक 2 हजार नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और जल्द ही बाकी नागरिकों की भी वतन वापसी हो जाएगी।

दरअसल सूडान में सेना और अर्ध सेना बल के बीच छिड़े गृह युद्ध में फंसे विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सरकारें निरंतर प्रयास कर रही हैं । सूडान में भारत के भी तीन हजार से अधिक नागरिक फंसे हुए हैं। जिन्हे बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की है । इस ऑपरेशन के तहत भारतीय नागरिकों का 10वां जत्था सूडान से सऊदी के शहर जेद्दाह के लिए रवाना हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक भारत लगभग अपने 2000 नागरिकों को सूडान से सुरक्षित बाहर निकल चुका है। इस दसवें जत्थे में लगभग 135 नागरिक शामिल हैं।
इस बीच ख़ास बात यह है कि सूडान की आर्मी और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच 72 घंटे का सीजफायर बढ़ाने पर सहमति बन गई है। भारत के केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन मौजूद ने ट्वीट करते हुए बताया है कि इससे पहले उन्होंने जेद्दाह एयरपोर्ट पर भारतीयों के आठवें जत्थे को रिसीव किया था। जिसमें सूडान में स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य शामिल थे, जिन्होंने युद्ध ग्रस्त से निकलने के बाद राहत की सांस ली।

 

सूडान से अपने नागरिकों को निकाल पाना था मुश्किल

 

सूडान में भारत के 3 हजार से ज्यादा नागरिक फंसे थे जिनमें से अब लगभग 2 हजार नागरिकों को बाहर निकाला जा चुका है। भारत के विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए बताया था कि सूडान से भारतीयों को उतनी तेजी से नहीं निकाला जा पा रहा है जिस गति से यूक्रेन में ऑपरेशन के दौरान निकला गया था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार लीबिया, जॉर्डन, माल्टा में भारत के राजदूत रहे अनिल त्रिगुणायत ने बताया कि सूडान में गृहयुद्ध चल रहा है। देश की सेना और अर्ध सैनिक बल आपस में ही युद्ध लड़ रहे हैं। दोनों ही एक दूसरे के शिविरों व अन्य जगहों पर हमले कर रहे हैं। जिसका शिकार आम जनता भी हो रही है। इन हमलों में एक भारतीय की मौत हो गई है। भारत ने इससे पहले भी विदेश में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के लिए कई ऑपरेशन किए हैं। लीबिया में जब जब हिंसा भड़की थी तब वाहन से भी दो से तीन बार में भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया था। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को भी आसानी से भारत लाया जा सका था। इसका कारण यह है यूक्रेन और रूस की तरह पहले के सभी युद्ध दो देशों के बीच थे। यूक्रेन में जब ऑपरेशन शुरू होने की बात हुई तो सत्ता यूक्रेन के पास थी और एग्जिट रूट रूस के पास थे। ऐसे में भारत ने जल्द से जल्द दोनों ही तरफ से बात की और अपने लगभग 20 हजार लोगों को निकाल लिया था।

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