भारत में कोरोना की दूसरी लहर का संकट बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन लाखों कोरोना रोगियों के बढ़ने के साथ स्वास्थ्य प्रणाली ढह रही है। कई राज्यों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और बेड सहित टीकों, इंजेक्शन और दवाओं की कमी है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार उपलब्ध स्थानों से चिकित्सा ऑक्सीजन लेने और इसे राज्यों में वितरित करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए मुख्य मदद भारतीय रेलवे द्वारा दी जा रही है। अब तक भारतीय रेलवे ने विभिन्न राज्यों में 2960 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन पहुंचाई है। इस बारे में विस्तृत जानकारी रेल मंत्रालय द्वारा दी गई है।
रेल मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई है कि भारतीय रेलवे ने अब तक देश भर में 185 टैंकरों में 2960 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) वितरित किया है। 47 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक की अपनी यात्रा पूरी कर ली है।
महाराष्ट्र में अब तक 174 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में 729 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 249 मीट्रिक टन, हरियाणा में 305 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 123 मीट्रिक टन और दिल्ली में 1334 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुँचाया जा चुका है।
वर्तमान में 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वाले 18 टैंकर महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के लिए मार्ग पर हैं। अधिक भार के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस रात के बाद यात्रा शुरू होने की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर न करें।”
इस बीच शीर्ष अदालत ने केंद्र को अगले आदेश तक रोजाना दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है। वर्तमान में दिल्ली में स्थिति गंभीर है और कई अस्पताल ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण कोरोना रोग से पीड़ित हैं। केंद्र ने हाल ही में दिल्ली सरकार को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की थी। जबकि दिल्ली सरकार ने मांग की है कि हमें हर दिन समान मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए। इस पर केंद्र ने असमर्थता जताई है।