कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी गत् 8 से 11 सितम्बर तक अमेरिकी दौरे पर थे। यहां उन्होंने अप्रवासी भारतीयों संग संवाद किया। विश्व प्रसिद्ध टेक्सास विश्वविद्यालय में वे युवाओं से मिले, अमेरिकी सांसदों और जनसंगठनों संग भी बातचीत की। इस दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर जमकर निशाना साधा। जिसके चलते देश की राजनीति बेहद गर्मा गई। भाजपा नेताओं ने राहुल को आतंकी तक कह डाला। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखा तो उसका जवाब भाजपा अध्यक्ष ने तल्ख भाषा में दे विवाद को और भड़का दिया। दोनों राष्ट्रीय दलों के मध्य छिड़ी लेटर वॉर भारतीय राजनीति के गिरते स्तर की दुःखद तस्वीर सामने रखती है
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गत् पखवाड़े अपने अमेरिकी दौरे के दौरान भाजपा, आरएसएस और केंद्र सरकार पर कठोर बयानों बाद से देश की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बीच पत्र युद्ध सुर्खियों में है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के लिए भाजपा नेताओं द्वारा कहे गए अपशब्दों को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिख इसकी शुरुआत की तो वहीं भाजपा अध्यक्ष ने इसका तीखा जवाब दे देश की राजनीति को गरमा दिया है।
खड़गे ने पीएम को पत्र में क्या लिखा?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर उनको शुभकामनाएं देते हुए पत्र लिखा था और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा आतंकवादी बताने वाले बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू और सत्ता पक्ष के उन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी जिन्होंने राहुल के खिलाफ विवादित बयान दिए हैं। खड़गे ने अपने पत्र में कहा था कि इस तरह से बयान देना भविष्य में घातक हो सकता है। अब इस पत्र का जबाब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिया है।
खड़गे को नड्डा का जबाब
खड़गे के पत्र के जवाब में भाजपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी की तीखी आलोचना कर लेटर बम वापस कांग्रेस की ओर उछाल पूछा है कि ‘आदरणीय खड़गे जी आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल प्रोडेक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने का प्रयास किया। जिसकी मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं? ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थीं न खड़गे जी जिन्होंने मोदी जी के लिए ‘मौत का सौदागर’ जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था? इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन करते रहे तब क्यों राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? इस दोहरे मापदंड का क्या कारण है?’
भाजपा ने गिनाए कांग्रेस नेताओं के बयान
भाजपा ने आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस के नेताओं ने बीते 10 सालों में पीएम मोदी को 110 से अधिक गालियां दी हैं। नड्डा ने लिखा खड़गे जी क्या- क्या नहीं कहा गया आपके नेताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के लिए? कभी कहा गया ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, कभी कहा गया ‘नीच’, ‘कमीना’, ‘जहरीला सांप’, ‘बिच्छू’, ‘चूहा’, ‘रावण’, ‘भस्मासुर’, ‘नालायक’, ‘कुत्ते की मौत मरेगा’, ‘नरेंद्र मोदी को जमीन में गाड़ देंगे’, ‘कातिल’, ‘हिंदू जिन्ना’, ‘कायर’, ‘औरंगजेब का आधुनिक अवतार’, ‘दुर्योधन’, कभी ‘हिंदू आतंकवादी’, ‘जनरल डायर’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया। यहां तक कि ‘कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के माता-पिता का भी अपमान किया है। इतना ही नहीं आपकी पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी उसे उतना बड़ा पद दिया गया। आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?’
नड्डा ने आगे लिखा ‘राहुल गांधी के अतिरिक्त सैम पित्रोदा से लेकर इमरान मसूद, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर, पी. चिदंबरम और सुशील शिंदे जैसे आपके नेताओं ने देश को बदनाम करने के लिए क्या-क्या नहीं किया? उत्तर को दक्षिण से लड़ाना, एक समाज को दूसरे के खिलाफ भड़काना यही तो कांग्रेस का परिचय हो गया है। आपके नेताओं के कार्यक्रम में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगते हैं तो देश विरोधी ताकतों का महिमामंडन होता है। तब क्यों आपको पत्र लिखने का ख्याल नहीं आता?’ वहीं सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहमदाबाद की सभा में बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर उन्हें लगातार अपमानित करने का आरोप लगाया।
अब जयराम रमेश ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर खड़गे के बाद अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है। जयराम रमेश ने जहां राहुल गांधी की जान को खतरा बताया है, वहीं भाजपा पर उनकी जान को खतरे में डालने का भी आरोप लगाया है। जयराम रमेश ने पत्र में लिखा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस बात से न सिर्फ आश्चर्यचकित है, बल्कि चिंतित भी है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखित पत्र आपके पास प्रतिक्रिया के लिए भेजा गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता की जान को खतरे जैसे गंभीर मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी बहुत परेशान करने वाली है। यह कभी मत भूलिए कि महात्मा गांधी की दुःखद हत्या से बहुत पहले आपके वैचारिक पूर्वजों ने बापू के खिलाफ हिंसा और नफरत का माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।’ कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे महान नेताओं के नेतृत्व में हमेशा भारत की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करती रही है। यह प्रतिबद्धता आज भी मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कायम है, जिन्होंने आपके नेताओं के विपरीत हमेशा पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के न्याय के लिए आवाज उठाई है। हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वह ओछी राजनीति से ऊपर उठें, अपनी पार्टी के नेताओं की हरकतों की निंदा करें और एक सख्त उदाहरण पेश करें। अन्यथा आपकी चुप्पी उन तत्वों को और बढ़ावा देती है जो देश की शांति को भंग करने और नेता विपक्ष को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।’
राहुल ने क्या कहा अमेरिका में?
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी 8 सितम्बर से 11 सितम्बर तक अमेरिकी दौरे पर गए थे। उनके हर विदेशी दौरे की तरह विवाद इस बार भी उनके साथ चल पड़ा है। अमेरिका में उनके द्वारा दिए गए बयान विवाद का रूप लेते जा रहे हैं। पहले टेक्सास, फिर
वर्जीनिया और उसके बाद वाशिंगटन में विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा था। वर्जीनिया में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा से डरने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री का 56 इंच का सीना और भगवान से सीधा संपर्क ये सब अब इतिहास बन चुका है। वहीं चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने भाजपा को मिली 240 सीटों पर भी संदेह व्यक्त किया। यही नहीं इस दौरे में राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि ‘आरएसएस भारत को समझ ही नहीं पाई। आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता आया है। हर राज्य का अपना इतिहास और परम्परा होती है। आरएसएस की विचारधारा इनकी उपेक्षा करती है। इसके अलावा उन्होंने एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। जैसे प्रश्न खड़े किए तो उनके इस बयान का खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी समर्थन कर कहा कि राहुल गांधी का बयान न केवल साहसिक है, बल्कि 1947 के बाद से भारत में सिखों पर हो रहे अत्याचार को दिखाता है और अलग खालिस्तान देश की मांग को सही ठहराता है।
इसके अलावा डलास में राहुल द्वारा महिला सम्मान में दिए गए बयान पर भी हंगामा मचा हुआ है। राहुल ने टेक्सास यूनिवर्सिटी में छात्रों से
बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बीच वैचारिक संघर्ष है। भाजपा और आरएसएस का मानना है कि महिलाओं को अपनी
पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित रखना चाहिए। इसके विपरीत हमारा मानना है कि महिलाओं को वे सारे काम करने की आजादी होनी चाहिए, जो वे करना चाहती हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर भी एक विवादित बयान दिया था। जिसके बाद देश भर में उनकी आलोचना की जाने लगी है। राहुल के इस बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी के अलावा कुछ दलित संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया और कांग्रेस पर जमकर हमला किया। मायावती ने इसे लेकर कहा था कि ‘केंद्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और न ही देश में जातीय जनगणना। अब इसकी आड़ में कांग्रेस सत्ता में आने के सपने देख रही है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश को बांटने वाली और देशविरोधी बयान देने वाली ताकतों के खिलाफ खड़ा होना राहुल गांधी और कांग्रेस की आदत हो गई है। फिर चाहे वह जम्मू-कश्मीर में देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडा हो या फिर विदेशी प्लेटफार्म पर बयान देना। राहुल गांधी ने हमेशा देश की भावनाएं आहत की हैं।
भाजपा का कहना है कि राहुल विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि दिल्ली में राहुल गांधी के घर के बाहर 11 सितंबर को भाजपा ने विरोध-प्रदर्शन किया था। इस दौरान भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल को मारने की धमकी देने का आरोप लगा। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भाजपा नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष को हत्या की धमकी दे रहा है। ये बेहद गंभीर मामला है। ये भाजपा की नफरत की फैक्ट्री का प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। पीएम मोदी अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर चुप नहीं रह सकते।
राहुल के खिलाफ भाजपा नेताओं के बयान
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर को कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को आतंकवादी बताया तो 16 सितंबर को महाराष्ट्र के बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, ‘राहुल गांधी पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। जो भी राहुल की जीभ काटेगा उसे 11 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।’