अभी हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को सख्त हिदायत दी थी कि वो भारत के खिलाफ बदले की कार्रवाई से दूर रहे।
पाकिस्तान को एक और झटका तब लगा जब अमेरिका के बाद रूस ने भी भारत के अनुच्छेद 370 पर फैसले को सही करार दिया। जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले का रूस ने समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला संविधान के अनुसार ही लिया है। मॉस्को को उम्मीद है कि जम्मू- कश्मीर राज्य पर दिल्ली द्वारा लिए गए फैसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि नहीं होंगे। हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान अपने सभी मतभेदों को द्विपक्षीय बातचीत और समझौतों से राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल करेंगे और उसने स्पष्ट कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे।
अब जब विश्व की दो बड़ी ताकतों ने भारत के इस फैसले पर समर्थन दे दिया है तो पाकिस्तान की बौखलाहट जगजाहिर होनी ही थी। पाकिस्तान ने चीन से इस विवाद को सुलझाने का आह्वाहन किया जिसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया आई है।उन्होंने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करने का आग्रह करते हैं।
पाकिस्तान फिर भी इस तरह बौखलाया हुआ है कि वो लगातार अपने नेताओं से बैठके कर रहा है और पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी लगातार चीन से इस मामले में दखल देने की अपील कर रहे हैं ।फिलहाल पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में हैं और इसी बीच अमेरिका ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वो सबसे पहले अपने आतंकी ठीकानो को खत्म करें और फिर अमन और शांति की बात करें।
पाकिस्तान, भारत के खिलाफ लगातार एक के बाद एक फैसला करते दिखाई दे रहा है। उसने इस ओर कदम उठाते हुए सबसे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली बस यात्रा को रोक दिया है।
भले ही पाकिस्तान अनुच्छेद 370 में हुए संशोधन को अंतरराष्ट्रीय मामला बनाने की कोशिश कर रहा है पर उसकी यह कोशिश अभी नाकाम नजर आ रही है।