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भारत ने नेपाल-चीन बॉर्डर पर भेजी सेना, राहुल गांधी ने कहा देश को जानकारी दे सरकार

राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार की घेराबंदी की है। नेपाल और चीन के साथ भारत के बिगड़ते रिश्तों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि सीमा पर जो हुआ है, इसकी पूरी जानकारी सरकार को देश के सामने रखना चाहिए। राहुल ने आगे कहा कि अभी किसी को नहीं पता है कि क्या हुआ है, नेपाल के साथ क्या हुआ और लद्दाख में क्या हो रहा है।

सरकार को देश के सामने ये सभी बातें रखनी चाहिए। राहुल गांधी ने यह बात ऐसे समय में कही है जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों और सीडीएस के साथ मीटिंग ले रहे थे। राजनाथ सिंह ने कहा है कि उनकी सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण निर्माणाधीन सड़क का निर्माण किसी भी सूरत में नहीं रुकेगा।

गौरतलब है कि भारत ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगी चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने में सफलता पा ली है। बीआरओ ने घटियाबगड़ से लिपूपास सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑनलाइन इस सड़क का बीते दिनों उद्घाटन किया था। इस सड़क के उद्घाटन के बाद ही भारत चीन और नेपाल के बॉर्डर पर तनाव पैदा हुआ था।

यहाँ यह भी बताना जरुरी है कि भारत-चीन-भूटान के ट्राई-जंक्शन पर चीन एक सड़क बना रहा था। जिसकी खिलाफत में भारतीय सैनिक भीतर घुस गए थे। इसके बाद, दोनों देशों ने वहां पर भारी फोर्स तैनात कर दी थी। हालाँकि, केंद्र के वरिष्ठ नेताओ की बातचीत के बाद वह विवाद थमा था।

फ़िलहाल, भारत ने उस इलाके में पैट्रोलिंग के लिए सड़क बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिकों की तैनाती इसी के जवाब में हो सकती है। गलवां में तनाव काफी हद तक डोकलाम से मिलता-जुलता है। बताया जा रहा है कि जब से भारत ने चीन के नजदीक सड़क बनाई है दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्वी लद्दाख और उत्तहरी सिक्किम में सैनिकों के बीच टकराव के बाद भारत-चीन में तनाव पहले से और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है।

उधर, चीनी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ‘भारत के चीनी सीमा के भीतर ताजा, अवैध अतिक्रमण’ के जवाब में चीन ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई है।गौरतलब है कि भारत ने गलवां घाटी में डिफेंस फैसिलिटी बनाई है। इस इलाके में भारत और चीन के बीच कई बार टकराव हो चुका है। भारत ने चीन पर आरोप लगाया है कि चीनी सैनिक उन इलाकों में अपने टेंट लगा रहे हैं , जहां भारत रेगुलरली पैट्रोल करता है।

गत दिनों पांगोंग झील के उत्तीरी किनारे पर 5-6 मई को भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे। उसी के बाद सीमा पर दोनों देशों ने फोर्स बढ़ा दी है। फिलहाल तनाव का केंद्र बनी गलवां घांटी 1962 की जंग का भी एक ट्रिगर पॉइंट थी।कहा जाता रहा है कि विवादित इलाकों में टेंट लगाना चीन की पुरानी आदत है। इसके बाद वह कंस्ट्रनक्शंन शुरू कर देता है। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर देमचोक, चूमर और दौलत बेग ओल्डीर में भी सैनिक तैनात किए गए हैं।

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