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भारत ने अब आटा निर्यात पर लगाया प्रतिबंध


 

भारत सरकार ने गेहूं निर्यात के बाद अब आटा निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया  है। भारतीय सरकार ने एक अधिसूचना में कहा है कि 12 जुलाई से आटा निर्यात पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा । इस अधिसूचना के अनुसार अब गेहूं को पीसकर बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा , मैदा, सूजी आदि  का निर्यात करना प्रतिबंधित है। इससे पहले मई माह में  गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अचानक से आटे व मैदे जैसे पदार्थों का निर्यात एकदम से बढ़ गया है जिसके कारण आटे पर यह प्रतिबंध लगा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘गेहूं के आटे की निर्यात नीति मुक्त है, लेकिन इसका निर्यात, गेहूं निर्यात मामले पर बनी अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिश के अधीन होगा।’’ अर्थात अब गेहूं और आटा  निर्यात से पहले  निर्यातकों को अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी लेनी होगी ।

 
क्यों लगाया गया आटे के निर्यात पर प्रतिबंध

 लगभग पांच महीनों से जारी रूस – यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में खाद्य संकट गहराता जा रहा है। हालात यह हैं कि कई देशों में भुखमरी की नौबत आ गई है। इसलिए माना जा रहा है कि भारत सरकार के गेहूं और आटा निर्यात प्रतिबंध लगाया है । इससे पहले भारत सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि  भारत में आई गेहूं उत्पादन में कमी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की बढ़ती कीमतों के कारण गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। निर्यात पर लगे प्रतिबंध के कारण विश्व पर इसका प्रभाव पड़ने का अनुमान पहले ही लगाया जा चुका था लेकिन इससे भारत में घरेलू स्तर पर  गेहूं की कीमतों को बढ़ने से रोका जा सकता था। इस आदेश में भारत ने विकासशील और जरूरतमंद देशों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि अगर किसी विकासशील देश या पड़ोसी देश को खाद्य संकट के दौरान गेहूं की आवश्यकता होगी तो उसकी सहायता भारत द्वारा की जाएगी। लेकिन प्रतिबंध हटाने से इंकार कर दिया क्योंकि इसका सीधा असर भारतीय घरेलू स्तर पर पड़ेगा और इसकी कालाबाजारी करने वालों को लाभ मिलेगा। भारतीय सरकार ने उस समय कहा था कि वह गेहूं निर्यात पर लगाए प्रतिबंध को हटा सकता है।  लेकिन अब आटा निर्यात में बढ़ोत्तरी के कारण भारत की कई कम्पनियों ने आटे की कीमत को बढ़ाना शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से अब यह प्रतिबंध लगाया गया है। गौरतलब है कि  भारत विश्व के सबसे बड़े गेहूं उत्त्पादक देशों में से एक है, लेकिन भारत सरकार अपने गेहूं का निर्यात न करके उसका प्रयोग अपने ही देश की पूर्ति के लिए करता है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अनुसार ये प्रतिबंध उस माल पर लागू नहीं होगा जो 6 जुलाई  से पहले जहाजों पर चढ़ाया जा चुका  है या सीमा शुल्क विभाग तक पहुँच गया है। आकड़ों के अनुसार भारत ने इस वर्ष अप्रैल के महीने में लगभग 96 हजार टन आटा निर्यात किया वहीं पिछले साल अप्रैल में 26 हज़ार टन आटे का निर्यात किया गया था।  जिससे यह स्पस्ट होता है कि  इस वर्ष आटा निर्यात  बहुत तेजी से बढ़ा  है। इस वर्ष मार्च और अप्रैल में गेहूं की उपज में भारी गिरावट आई है जिसकी वजह से आटे के  निर्यात पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। 

 

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